राष्ट्रनायक न्यूज

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फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्यों को दी गयी बचाव की जानकारी

  • एमएमडीपी प्रशिक्षण का हुआ आयोजन
  • सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के द्वारा दिया गया प्रशिक्षण
  • फाइलेरिया रोगियों को साफ-सफाई रखना जरूरी

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण) सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के चतुरपुर पंचायत के शेखडुमरी गांव में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार )के सहयोग से फाइलेरिया रोग के नियंत्रण के लिए एमएमडीपी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें फाइलेरिया मरीजों को रोग नियंत्रण व प्रबंधन के तरीके बताए गए। डुमरी सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। सीफार के राज्य प्रतिनिधि अरूणेन्दु झा के द्वारा  बताया गया कि कैसे हम  मलेरिया रोग के प्रबंधन को कर सकते हैं।  इस बीमारी को  कंट्रोल कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से  फाइलेरिया जैसे बीमारी की  रोकथाम करके और इसको बढ़ने से रोका जा सकता है। इस दौरान सीफार के जिला समन्वयक रितेश कुमार, प्रखंड समन्वयक रंजन कुमार द्वारा सभी सदस्यों से  सहयोग करने की सहमति जताई गई । प्रशिक्षण में उक्त  गांव की आशा मुन्नी देवी तथा सेविका सरिता देवी आदि मौजूद थी। सीफार के राज्य प्रतिनिधि अरूणेन्दु झा ने  कहा कि फाइलेरिया हो जाने पर लोगों में अपंगता बढ़ने लगती है। ऐसे में एमएमडीपी किट की सहायता से हांथीपांव के सूजन को कम किया जा सकता है। जिससे चलने फिरने में आसानी होती है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर  किसी भी व्यक्ति को काटता  तो उसे संक्रमित कर देता है। इससे या तो व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती  या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए।

फाइलेरिया से ग्रसित अंग रखें  साफ-सुथरा:

फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए।

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