- वर्ष 2021 में 74 प्रतिशत था टीकाकरण का दर
- टीकाकरण कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण को लेकर कार्यशाला का आयोजन
- शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग कृतसंकल्पित
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। बच्चों के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक है टीकाकरण। यदि शिशु का नियमित टीकाकरण किया जाए तो लाखों शिशु की मृत्यु को रोका जा सकता है। जब हमने कई गंभीर संक्रामक बीमारियों पर टीकाकरण की बदौलत काबू पा लिया है तो यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जाए। नियमित एवं प्रभावी टीकाकरण से कई बीमारियों का उन्मूलन किया जा सकता है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने शहर के एक निजी होटल में नियमित टीकाकरण के सुदृढीकरण को लेकर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में कही। उन्होने कहा कि नियमित टीकाकरण के सुदृढीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। जिले में नियमित टीकाकरण के दर में वृद्धि हुई है। जिले में वर्ष 2022 में अप्रैल से अगस्त तक 94 प्रतिशत टीकाकरण हुआ है। यह आंकड़ा पिछले साल के आंकड़ा से अधिक है। पिछले साल 2021 में जिले में मात्र 74 प्रतिशत ही टीकाकरण हुआ था। यानि इस बार 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके पूर्व सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बीएमएंडई, टीकाकरण नोडल व आईसीडीएस के सीडीपीओ को प्रशिक्षण दिया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एमएमओ डॉ. रंजितेश कुमार के द्वारा पीपीटी के माध्यम से टीकाकरण की उपलब्धि को प्रस्तुत किया गया तथा जिन प्रखंड में टीकाकरण का दर कम है वहां पर बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों को समुदाय स्तर पर बेहतर संबंध बनाने की रणनीति पर चर्चा की गयी। स्वास्थ्य कार्यक्रम की सफलता में डेटा प्रबंधन को महत्वपूर्ण बताते हुए इसके कुशल प्रबंधन पर चर्चा की ।
शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग कृतसंकल्पित:
डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार नियमित टीकाकरण के तहत पूर्ण प्रतिरक्षण के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है। नियमित रूप से दिए जाने वाले टीके के प्रसार को बढ़ाने को लेकर सभी प्रयास किये जा रहे हैं। टीकाकरण कार्यक्रम को और मजबूत बनाने के लिए नियमित टीकाकरण का माइक्रोप्लान, ड्यू लिस्ट, संचार कार्य योजना और बेहतर ढंग से तैयार करने पर बल दिया गया।
जरूरी पहल किये जाने की है आवश्यकता:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में नियमित टीकाकरण से संबंधित जिले के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। बावजूद इसके इस दिशा में अभी अन्य जरूरी पहल किये जाने हैं। ताकि अपने नौनिहालों को गंभीर रोग के प्रभाव से मुक्त रखा जा सके। समाज में दर्जनों ऐसी बीमारियां हैं, नियमित टीकाकरण से जिनका निदान संभव है। बावजूद इसके जागरूकता की कमी व जानकारी के अभाव की वजह से समाज का बड़ा हिस्सा इन बीमारियों से प्रभावित होता है। पूर्ण टीकाकरण को बढ़ावा देकर ही स्वस्थ व सेहतमंद समाज की परिकल्पना संभव है। जिले में पोलियो का कोई मामला नहीं है, इसके बावजूद पड़ोसी देशों में पोलियो केस मिलने के कारण सावधानी जरूरी है। वहीं देश में खसरा व रूबेला को वर्ष 2023 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। जो शत प्रतिशत टीकाकरण से ही संभव है। इस कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल् सिन्हा, डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीएमएंडई ब्रजेश कुमार समेत अन्य मौजूद थे।


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