अवैध बालू खनन व भंडारण पर रोक, फिर चालान व्यवस्था ?
- प्रशासन का दोहरा मापदंड, वाटसन प्रा. लि. की तरफदारी या सरकारी वफादारी
लेखक:- राणा परमार अखिलेश
छपरा(सारण)। लाल बालू खनन पर गत् 2 जुलाई से रोक बावजूद बेरोक टोक भंडारण व चालान की वैधता संदेह के घेरे में है। एनएच जाम के बाद नवलटोला ईशुपुर एनएच के सामने ट्रकों व ट्रैक्टरों से चालान काटने पर रोक के बाद प्रशासन क्यों अनुमति के लिए अडिग है? खनन एजेंसी की तरफदारी या सरकारी वफादारी ? यक्ष प्रश्न है। बहरहाल, डीजीपी का वायरल सच कहीं न कहीं सत्यता की कसौटी नहीं है क्या ?
अबतक जप्त हो चुका है 30 लाख का बालू और दर्जनों व्यवसायी को जेल : भंडारण की वैधता यदि खनन प्रतिबंध के बाद है और चालान काटना वैध है तो डोरीगंज से हराजी तक भंडारित बालू, क्रय व विक्रय अवैध क्यों ? बहरहाल, बीस लाख के बालू और दर्जनों व्यवसायी, चालक, वाहन मालिकों पर एफआईआर का औचित्य क्या है ?
डोरीगंज से लेकर सोनपुर तक करीब सौ है भंडार:
डोरीगंज से लेकर पहलेजा, सोनपुर तक सैकड़ो की संख्या में हैं, बालू भंडार किन्तु सत्यापन नहीं होता। चालान कटता है बालू वाहक ट्रकों व ट्रैक्टरों की ओवर लोडिंग पर केस या जुर्माना कोर्ट तय करती है।
जनवरी से जून तक नहीं होते सत्यापन भंडारों का :
बालू खनन, नौकाओं, ट्रकों हाइवा ,ट्रैक्टरों द्वारा भंडारित होते रहते है। इस बीच खान निरीक्षक कभी भी सत्यापन नहीं करते कि किस अनुज्ञप्तिधारकों के पास भंडारण कितना सीएफटी है और कितने मूल्य का है ? यह तो चालान से ही स्पष्ट होगा कि खनन प्रतिबंध के बाद भंडारित बालू कितने हैं ? कितने आ रहे हैं?
जुलाई के बाद ही खनन विभाग व पुलिस वैध व अवैध परिभाषित करती है : बालू खनन प्रतिबंध के बाद खनन विभाग और पुलिस सक्रिय होती है क्योंकि भीगे हुए बरसाती बालू से ही निकलते हैं तेल।
सैकड़ों श्रमिकों को मिलता है रोजगार: बालू व्यवसाय का एक पक्ष यह भी रहा है कि हर बालू घाट पर बालू लोडिंग व अनलोडिंग में पूरे गंगा तटवर्तीय इलाके के श्रमिकों को रोजगार मिलता आ रहा है। मौजूदा हालात में जेसीबी और लोडर ने वह भी रोजगार छीन लिया है। चालान नहीं रहने पर पुलिस चालान करेगी और चालान यदि है बावजूद खनन विभाग व पुलिस से दो चार होना व्यवसायियों, वाहन मालिकों ,चालकों की लाचारी है।
क्या कहते है जिला खनन पदाधिकारी
” खनन अनुज्ञा प्राप्त वाटसन कंपनी 31 अक्तूबर तक भंडारित बालू का चालान काटने के लिए अनुबंधित है। खनन के साथ भंडारण व भंडार अनुज्ञप्ति का सत्यापन होना चाहिए। बहरहाल, व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रशासनिक प्रयास है और हम वैध को वैध व अवैध को अवैध कहेंगे। विभागीय निदेशानुसार चालान व्यवस्था यदि जुलाई के बाद वैध है तो उसी आलोक में कार्य होंगे।
जेपी सिंह, डीएमओ, छपरा


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