- 18 से 21 अक्टूबर तक रात में लिया जायेगा ब्लड सैंपल
- फाइलेरिया मरीजों की होगी पहचान
- एक दल में सदस्य होंगे शामिल, वरीय पदाधिकारी करेंगे निरीक्षण
राष्ट्र्नायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले में फाइलेरिया के मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 18 से 21 अक्टूबर तक नाइट ब्लड सर्वे चलाया जायेगा। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। इसके साथ हीं सभी लैब टेक्निशियन और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 20 प्रखंडों के प्रत्येक प्रखंड के 2 गांव तथा शहरी क्षेत्र के 2 वार्ड को चिह्नित किया गया है। जहां पर नाइट ब्लड सर्वे किया जायेगा। डीएमओ ने निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम में एक दल में कम से कम 4 लोग रहेंगे। इस दल के एलटी का काम ब्लड सैम्पल लेना रहेगा। दल का एक सदस्य एलटी का ब्लड सैंपल लेने में मदद करेगा। एक सदस्य भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रहेगा तथा एक सदस्य सैंपल लिए व्यक्ति का नाम, पता रजिस्टर में लिखेगा। आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांव के लोगों को कैंप स्थल पर जुटाने में मदद करेंगे। मुखिया एवं वार्ड प्रतिनिधि वहां अपनी देखरेख में ब्लड सैंपल लेने का कार्य पूरा कराएंगे। नाइट ब्लड सर्वे में अपने प्रखंड के दोनों दलों को एंबुलेंस तथा यात्री वाहन उपलब्ध कराएंगे, जिससे रात्रि में दल के सदस्यों को कैंप स्थल (गांव) तक आने-जाने में कोई कठिनाई ना आए। साथ ही सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंड के चयनित गांव में निरीक्षण करने जाएंगे।
इन गांवों में चलेगा नाइट ब्लड सर्वे:
- प्रखंड- गांव
- अमनौर पिपराही, सरायबक्स
- बनियापुर मेधुका काला, आनंदपुर
- सदर रूरल डुमरी, अवधपुरा
- दरियापुर डेरनी, सलेमपुर
- दिघवारा सैदपुर, छतर छपरा
- एकमा रसूलपुर, अतरसन
- गरखा कसीना, रामपुर
- इसुआपुर अगथौर सुंदर, जैतपुर
- जलालपुर अशोक नगर, मिश्रवलिया
- लहलादपुर पंडितपुर, सोनिया
- मकेर फुलवरिया, थहारा
- मांझी दुर्गापुर, कटोखर
- मढौरा अवारी, खरौनी
- मशरक गंगौली, अमा
- नगरा धुपनगर, गोविन्दपुर
- परसा मरार, पटी मजौना
- पानापुर फकुली, बिजौली
- रिविलगंज इनई, कचनार
- सोनपुर कसमर, पहलेजा
- तरैया नारायणपुर, गावान्दरी
- छपरा शहरी वार्ड-3 और वार्ड 37
एक सेंटिनेल और दूसरा रैंडम साइट:
केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार ने बताया कि सभी प्रखंड में दो-दो साइट बनाए गए हैं। एक सेंटिनेल और दूसरा रैंडम साइट। जहां पर फाइलेरिया के अधिक केस मिले हैं वहां पर सेंटिनेल साइट बनाए गए हैं। इसके अलावा वैसी जगहों पर भी साइट बनाए गए हैं, जहां पर फाइलेरिया के कम मरीज मिले हैं। ऐसी जगहों पर रैंडम साइट बनाए गए हैं। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान एक साइट पर 20 वर्ष से अधिक उम्र के 300 लोगों की जांच की जाएगी। इसकी सफलता के लिए गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। नुकड़ नाटक व विभिन्न माध्यमों से लोगों का जागरूक किया जा रहा है।
फाइलेरिया के परजीवी रात में ही होते हैं सक्रियः
नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया का परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता। इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है।


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