राष्ट्रनायक न्यूज

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अहंकार को दूर करने का सरल मार्ग है कथा:  वैराग्यानंद परमहंस

  • श्री गीता साप्ताहिक श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ आयोजन से वातावरण हुआ भक्तिमय
राष्ट्रनायक न्यूज।
दिघवारा (सारण)। नगर पंचायत क्षेत्र के मुख्य बाजार मालगोदाम के समीप आयोजित श्री गीता साप्ताहिक श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ से नगर क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। यहां संध्याकाल होते ही यज्ञ स्थल पर श्रद्धालु़ओं की भीड़ लग जाती है। प्रवचन करते हुए मानस मर्मज्ञ वैराग्यानंद ने कहा कि भगवान को पाने के लिए अधिक उम्र का होना या धन का होना आवश्यक नहीं है। भक्त ध्रुव ने साढ़े पांच वर्ष की उम्र में ही भगवान को तपस्या कर के प्राप्त कर लिया था। उन्होंने कहा कि बुरे संग में होने के बाद भी अजामिल जैसे डाकू भी भगवान के नाम और संतों की कृपा से परम पद को प्राप्त कर गया। इसलिए मनुष्य को जीवन में हमेशा भगवान का सुमिरन करते रहना चाहिए। उन्होंने रावण के ताकत व अहंकार का चर्चा करते हुए कहा कि हमें कभी भी रुपये, यौवन, संपत्ति, शक्ति का अभिमान नहीं करना चाहिए। रावण को अपनी ताकत पर अभिमान था, उसने ताकत के अहंकार में कभी राम का, नारायण का नाम नहीं लिया। लेकिन भगवान राम के आगे रावण का घमंड व उसकी ताकत काम नहीं आयी। अंत में उसको भगवान श्रीराम का नाम लेना पड़ा। कथा के दूसरे सत्र में कोलकाता से आए पंडित वशिष्ठ नारायण शास्त्री महाराज ने कहा कि इंसान को सवेरे-शाम कुछ समय ऐसा भी निकालना चाहिए कि वह तमाम परेशानियों को एक ओर रखकर प्रभु सुमिरन में मन लगाए। शांत चित्त बैठ कर एकाग्र होकर परमात्मा का जाप करे। उन्होंने कहा कि जीवन केवल कमाने, खाने व सोने के लिए ही नहीं मिला है। प्रभु भक्ति कर असली मकसद भी हासिल करना चाहिए। अपने धर्म व संस्कृति से सदैव जुड़ाव रखना चाहिए। इससे भावी पीढ़ी भी लाभान्वित होगी। उन्होनें कहा कि गीता में निष्काम कर्म करने पर बल दिया गया है। निष्काम कर्म एक ऐसा दर्शन है, जो कि हर प्राणी के लिए समाज व राष्ट्र की उन्नति का आधार है। गीता में बताई गई धर्म साधना का उद्देश्य यही है कि हम अपने जीवन में अच्छा कार्य करें। व्यक्ति को अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के बारे में भी सोचना चहिए तथा अपने कर्तव्य का ठीक ढंग से पालन करना चाहिए। मुख्य रूप से सीताराम प्रसाद, डा अरविंद कुमार, सुर्य नारायण प्रसाद, अधिवक्ता मुन्नीलाल प्रसाद, विनोद कुमार, मोहन शंकर प्रसाद, राधेश्याम प्रसाद समेत सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण का लाभ उठाया।