- भूमि-विवाद में आये दिन मारपीट से लेकर हत्या तक कि घटना को दिया जा रहा अंजाम।
- भूमि-विवाद के निबटारे को लेकर नही की गई है, कोई माकूल व्यवस्था।
- भूमि-विवाद को लेकर कई मामलों में सूचना देने के बाद भी पुलिस-प्रशासन द्वारा समय पर नही लिया जाता है, ज्ञान।
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। आये दिन भूमि विवाद को लेकर प्रखंड से जिला स्तर तक के किसी न किसी हिस्से में मारपीट और हत्या जैसी जघन्य अपराध को अंजाम दिया जा रहा है।बावजूद इसके इन घटनाओं पर अंकुश नही लग पा रहा है।गत रविवार को भी बनियापुर थाना क्षेत्र के तख्त भिठ्ठी गांव में जमीन के छोटे से टुकड़े को लेकर उपजे विवाद में पिता पुत्र की हत्या कर दी गई।वही परिवार के अन्य सदस्यों का जख्मी हालत में इलाज चल रहा है।ऐसे में मकड़जाल की तरह उलझे व नासूर बन चुके भूमि विवादो से लोग अपने को असुरक्षित महशुस कर रहे है।जमीन विवाद में ही कई हत्या का मामला सामने आया है।आंकड़ो पर गौर करे तो थाना से लेकर न्यायालय तक भूमि विवाद के मामलों की भरमार है।थानों में दर्ज होने वाला 70 प्रतिशत मामले की जड़ में कही न कही भूमि विवाद ही वास्तविक कारण रहता है।
नही सुलझ रहे भूमि विवाद के मामले
जनप्रतिनिधि से लेकर स्थानीय प्रबुद्ध लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि जिले मे भूमि विवादों के निराकरण के लिए कोई माकूल व्यवस्था नही है।इस मामले में पुलिस से लेकर प्रशासन तक का टालू रवैया रहता है।जब कोई बड़ा हादसा होता है तो प्रशासन की नींद टूटती है और फिर शुरू होता है बयानबाजी का दौर।मामला ठंडा पड़ते ही प्रशासन फिर पुराने रवैया पर काम करना शुरू कर देती है।है।मालूम हो की गत 11 दिसम्बर को भी हुए चाकूबाजी मे पिता पुत्र की मौत का कारण भूमि विवाद ही है।जिसमे एक ही परिवार से पिता-पुत्र की अर्थी एक साथ उठानी पड़ी।साथ ही घटना की वजह से नई-नवेली दुल्हन भी विधवा बन गई।
अंचल कर्मचारी भी फंसाते हैं पेंच
भूमि विवादों को बढ़ाने तथा हवा देने में अंचल कर्मचारियों की करगुजारियां भी अक्सर उजागर होते रहता है।कई बार कर्मचारी एक ही भूखंड का दो-दो व्यक्तियों का नाम से रसीद काट देते हैं।भूखंडों के दाखिल खारिज में खूब खेल होता है।रसीद काटने पर एक ही भूखंड पर दो-दो व्यक्ति दावा करने लगते हैं और मामला बढ़ने लगता है।जिले में भूमि की बढ़ती कीमतें कम समय में लाखों की कमाई का जरिया बन गया है।कीमतों की बढ़ने से भूमाफिया इस ओर आकर्षित हुए है।भूमाफिया भूमि के वास्तविक मालिक के दूर के रिश्तेदार,सगे-संबंधियों को थोड़ी लालच दे जमीन रजिस्ट्री करा भूखंडों पर विवाद खड़ा कर देते हैं।भूमि विवाद बढ़ने का एक प्रमुख कारण जमीन की कीमत में बेतहाशा बृद्धि भी बताई जा रही है।
प्रत्येक शनिवार को लगता है,जनता दरबार
भूमि विवाद के निपटारे को लेकर सरकार के निर्देश के बाद जिले के विभिन्न थानों में सीओ और थानाध्यक्ष की ओर से स्थानीय स्तर पर भूमि विवाद का निपटारा किया जाता है।इस बाबत थानों में शनिवार को भूमि विवाद संबंधित मामले पर जनता दरबार लगाकर सुनवाई की जाती है।लेकिन जनता दरबार में ज्यादातर मामले नही सुलझ पाते है।नतीजतन फिर से मारपीट और केस-मुकदमा का दौर शुरू हो जाता है।
जमीन विवाद को लेकर इस वर्ष में हुई हत्याएं।
- गत 25 मई को भूमि विवाद में बनियापुर थाना क्षेत्र के कन्हौली मनोहर पंचायत के मिशिकारी टोला में गोली चलने से एक युवक की मौत हो गई थी।मृतक मो.नवीब मियां का 22 वर्षीय पुत्र याकूब अली था।गोलीबारी में तीन लोग जख्मी भी हुए थे।इनमें फरजान मियां का 30 वर्षीय पुत्र नूर आलम की स्थिति गम्भीर बनी हुई थी।
- गत 25 मई को ही सहाजितपुर थानाक्षेत्र के मेढूका गांव में जमीन विवाद में हुई मारपीट में घायल साठ वर्षीय वृद्ध की मौत हो गयी।मृतक बिन्दा राय बताए गए थे।मृतक के सिर में गम्भीर चोट आई थी।जिसे परिजनों ने आनन फानन में रेफ़रल अस्पताल बनियापुर लाया था।जहाँ से डॉक्टरों ने घयाल वृद्ध को सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया था।वहां से भी स्थिती की गंभीरता को देखते हुए पीएमसीएच पटना रेफर किया गया था।पटना ले जाने के दौरान ही वृद्ध ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
- गत 11 दिसंबर को बनियापुर थाना क्षेत्र के तख्त भिठ्ठी गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में चाकू गोदकर गिरीशदेव दुबे(75 वर्षीय) एवं उनके पुत्र शोभाकांत दुबे (30वर्षीय) की हत्या कर दी गई।
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