- आरोग्य दिवस के दिन स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित सभी तरह की दी जाएं सेवाएं: सिविल सर्जन
- स्वास्थ्य एवं पोषण को लेकर हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता: पिरामल
राष्ट्रनायक न्यूज।
कटिहार (बिहार)। आरोग्य दिवस को लेकर पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से स्थानीय फ़लका सीएचसी के सभी स्वास्थ्य कर्मियों, जीएनएम एवं एएनएम को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नवनियुक्त सिविल सर्जन के अध्यक्षता में फ़लका प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में किया गया। नवनियुक्त सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ दीनानाथ झा, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फ़लका के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार सिंह, पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रबंधक अमित कुमार, प्रोग्राम लीड मनीष कुमार सिंह एवं आजाद सोहेल, यूनिसेफ़ की एसएमसी चंद्रविभा, यूएनडीपी के सुधीर मिश्रा, पीसीआई के नागेंद्र कुमार, बीएचएम, बीसीएम एवं लेखपाल पवन कुमार सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी इसमें उपस्थित थे।
आरोग्य दिवस के दिन स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित सभी तरह की दी जाएं सेवाएं: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि प्रत्येक आरोग्य दिवस पर स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित सभी तरह की सेवाएं स्थानीय ग्रामीणों को ससमय उपलब्ध हो। खास कर समुदाय के वंचित तथा उपेक्षित वर्ग के लोगों को शत प्रतिशत सेवाएं दी जानी चाहिए। पौष्टिक भोजन स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण आधारशिला है। इसलिए शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भोजन में उचित मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होनी चाहिए। पोषक तत्वों की अधिकता और कमी दोनों समान रूप से हानिकारक होता है। इसके व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामुदायिक स्वास्थ्य पर लम्बे समय तक चलने वाले प्रतिकूल प्रभाव भी है। आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा किशोरियों का एएनएम द्वारा हीमोग्लोबिन जांच करना, एनीमिया की पहचान कर चिकित्सीय परामर्श के बाद रेफर करना, खान पान में सुधार के साथ ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हरी साग सब्जियां, फल, मांस, मछली, अंडा, विटामिन-सी युक्त खाद्य-पदार्थ जैसे: अमरुद, आंवला, संतरा सहित मौसमी फल इत्यादि के बारे में चर्चा की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य एवं पोषण को लेकर हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता: पिरामल
पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि आरोग्य दिवस के दिन सभी एएनएम अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, एनीमिया, टीकाकरण, प्रसव पूर्व तैयारी, उच्च जोख़िम वाले गर्भावस्था के अलावा धातृ महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान कराना क्यों जरूरी है, इसके संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा करनी होती हैं। पहले 6 माह तक नियमित रूप से शिशुओं को स्तनपान कराने से उसे कई तरह के संक्रमण से बचाया जा सकता है।स्वास्थ्य एवं पोषण को लेकर सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से एकीकृत बाल विकास योजना, मध्याह्न भोजन योजना, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान, निर्मल भारत अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण पेय कार्यक्रम, स्वच्छ भारत अभियानआदि स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित जानकारियां दी जाती हैं।


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