राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया (सारण)। राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए शिक्षण अनुभव की सीमा घाटा दी गई है, लेकिन उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के न्यूनतम अनुभव सीमा में 50 प्रतिशत की कमी जबकि माध्यमिक शिक्षकों के न्यूनतम अनुभव सीमा में 20 प्रतिशत की गई है जो सरकार की माध्यमिक शिक्षकों के साथ दोहरी नीति प्रतीत हो रही है। राज्य पार्षद सह माध्यमिक शिक्षक नेता अर्जुन युवराज ने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि एसटीईटी उत्तीर्ण अधिकांश शिक्षक परीक्षा से वंचित हो रहें है जिससे शिक्षक काफी निराश है। सरकार को प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली में पुनर्विचार करने की जरूरत है जिससे सभी शिक्षकों को मौका मिल सके।


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