- ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना कर गरीबी दूर करने में जीविका का अहम योगदान: डीपीएम
- जीविका समूह के द्वारा सामाजिक स्तर काफ़ी हद तक हुआ सुधार: स्वास्थ्य प्रबंधक
- स्वास्थ्य मित्र के द्वारा जीविका हेल्प डेस्क का किया जाता है संचालन: नोडल अधिकारी
- अस्पताल के मरीज़ों को सुलभ परामर्श एवं इलाज़ के लिए सहयोग एवं मार्गदर्शन करना प्राथमिकता: स्वास्थ्य मित्र
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही “बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रोजेक्ट” (जीविका) परियोजना अपने मुख्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विगत 15 वर्षों से प्रयासरत है। जीविका के जिला कार्यक्रम प्रबंधक तरुण कुमार ने बताया कि जीविका की शुरुआत 02 अक्टूबर 2007 को विश्व बैंक और बिहार सरकार की मदद से की गई हैं। क्योंकि जीविका परियोजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार सृजन कर स्वावलंबन बढ़ाना है। राज्य सरकार द्वारा आरम्भ में जीविका परियोजना को मात्र 6 जिलों में शुरू किया गया। बाद में सूबे के सभी जिलों को इसमें शामिल किया गया। इसके माध्यम से जुड़ कर लाखों महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वह अपने घर पर या बाहर में रोजगार के साथ ही अपने परिवार के साथ रह सकें। जीएमसीएच परिसर स्थित स्वास्थ्य सहायता केंद्र का हेल्प लाइन नबम्बर- 9199308690 पर किसी भी तरह की जानकारी या परामर्श दिया जाता है।
जीविका समूह द्वारा सामाजिक स्तर काफ़ी हद तक हुआ सुधार: स्वास्थ्य प्रबंधक
स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता प्रबंधक अरुण कुमार उपाध्याय ने बताया कि ज़िले में जीविका परियोजना के तहत बनाए गए समूह के माध्यम से जुड़ी सभी जीविका दीदी एक दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक स्तर पर काफी हद तक सुधार देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार के सपनों को साकार करने के लिए जीविका दीदियों द्वारा समूह के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। जीविका समूह के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न तरह की संक्रमित बीमारियों से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसके साथ ही नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर ले जाकर या भेजकर उसका उचित चिकित्सीय परामर्श एवं इलाज़ करवाया जाता है।
स्वास्थ्य मित्र के द्वारा जीविका हेल्प डेस्क का किया जाता है संचालन: युवा पेशेवर
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित जीविका स्वास्थ्य सहायता केंद्र के नोडल अधिकारी हेमंत कुमार मंडल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन व्यक्तियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थिति विषम होती है। शहर उनके लिए बिल्कुल नई जगह होती है, जहां वह किसी को जानते तक नहीं हैं और बीमारी की वजह से काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता हैं। इन परिस्थितियों में लोगों की सहायता के लिए बिहार के चिन्हित सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में “जीविका हेल्प डेस्क” संचालन की परिकल्पना की गई। सबसे अच्छी बात यह है कि “जीविका हेल्प डेस्क” का संचालन जीविका समूह से जुड़े संकुल संघ के प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा किया जाता है। संबंधित संस्थानों में संकुल संघ के द्वारा स्वास्थ्य मित्र की पदस्थापना की गई है। जो बीमार व्यक्तियों को आवश्यक चिकित्सीय परामर्श एवं अन्य तरह का सहयोग दिलाने का कार्य कर रही हैं।
अस्पताल के मरीज़ों को सुलभ इलाज़ में सहयोग करना प्राथमिकता: स्वास्थ्य मित्रा
जीविका स्वास्थ्य सहायता केंद्र द्वारा सुलभ इलाज़ में सहयोग करने के लिए कार्यरत स्वास्थ्य मित्र जूही कुमारी एवं प्रीति कुमारी ने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीज़ों को सुलभ इलाज़ में सहयोग करने के उद्देश्य से “हेल्प डेस्क” की स्थापना की गई हैं। हमलोग संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी एवं चिकित्सकों के पास ले जाकर चिकित्सीय परामर्श एवं इलाज़ करवाते हैं। विगत 15 नवंबर 2022 से संचालित जीविका स्वास्थ्य सहायता केंद्र के माध्यम से प्रतिदिन दर्जनों लोगों को सहयोग किया जा रहा है। जिसका प्रतिफ़ल यह हुआ है कि लगातार संख्या बढ़ती जा रही है। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, उनके परिवार के अन्य सदस्यों सहित अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले सभी लोगों को सुबह के 9 बजे से शाम के 5 बजे तक बेहतर चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने में आवश्यक सहयोग किया जाता है।
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