राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

जानकारी के अभाव में नहीं करा सका इलाज, अब कोई दूसरा न हो हाथीपांव का शिकार : ऋषिदेव

  • पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़कर लोगों को दे रहे हैं फाइलेरिया से बचाव की जानकारी
  • एमडीए अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिल कर लोगों को कर रहे जागरूक

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। सरकार लोगों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। इन्हीं बीमारियों में से एक है फाइलेरिया, जो मरीज को दिव्यांग बनाने का विश्व का दूसरा बड़ा कारण है। यह बीमारी लोगों के पैर, हाथ, स्तन और हाइड्रोसील को प्रभावित करती है। हालांकि, इस बीमारी की जानकारी लोगों को लगभग 14 से 15 साल के बाद होती है। तब तक इसके कारण लोग दिव्यांग हो जाते हैं। ऐसी ही कहानी सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के परमानन्दपुर पंचायत स्थित मुरथान गांव निवासी ऋषिदेव सिंह की है। जो पिछले 15 सालों से फाइलेरिया के हाथीपांव बीमारी से ग्रसित हैं। ऋषिदेव का कहना है कि जब इस बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखाई दिए थे, तब उन्होंने इसे हल्के में लिया। लेकिन, जब स्थिति हाथ से निकल गई, तब उन्हें इसकी गंभीरता का पता चला। लेकिन अब वो मुरथान पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़ कर दूसरे लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने में जुटे हैं।

जानकारी का था अभाव :

ऋषिदेव सिंह ने बताया, लगभग 15 वर्ष पहले उनके पैरों में सूजन होती थी। जो बाद में अपने आप ही ठीक हो जाती थी। जिसके कारण वो इसके इलाज को लेकर गंभीर नहीं रहते थे। वो सोचते अधिक काम करने के कारण पैरों में सूजन हो रही है। जो खुद ठीक हो जाएगी और होता भी ऐसा ही। पैर का सूजन एक दो दिनों बाद ठीक हो जाता। लेकिन एक दिन उनकी तबीयत बहुत अधिक खराब हो गई। उस दौरान उनके बाएं पैर में सूजन हुई, जो आज तक ठीक नहीं हुई। उन्होंने बताया कि उस समय लोगों में फाइलेरिया के प्रति जानकारी का अभाव रहता था। लोग इसे अभिशाप की तरह देखते थे। इस कारण वो दूसरों से इसकी चर्चा नहीं करते थे। लेकिन, आज सरकार और स्वास्थ्य विभाग ऐसी बीमारियों के प्रति सचेत हो चुकी है और लोगों का नि:शुल्क इलाज कर रही। ऐसे में हमें भी सरकार और विभाग का सहयोग कर ऐसी बीमारियों को जड़ से मिटाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़ने से मिली कई जानकारी :

ऋषिदेव सिंह बताते हैं कि आज जिस परिस्थिति से वो गुजर रहे हैं, कोई और इसे न झेले। जिसके कारण वो मुरथान पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़े। जिसमें पहले उन्हें फाइलेरिया के संबंध में पूरी जानकारी हुई। तब उन्होंने फैसला लिया कि अब वो दूसरों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करेंगे। ऋषिदेव पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के अन्य सदस्यों के साथ नियमित रूप से जगह जगह होने वाली शिविरों में जाते हैं और लोगों को फाइलेरिया के दुष्प्रभावों से बचने और फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन के साथ-साथ मच्छरों से बचाव की जानकारी देते हैं। फिलवक्त जिले में चल रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड में भी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ जाकर लाभुकों को जागरूक और उन्हें प्रेरित करते हैं।

पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से हो रहा फायदा :

प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. हरिशंकर चौधरी का कहना है कि इस बार एमडीए राउंड में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के जुड़ने से काफी फायदा मिला है। पहले जब एमडीए राउंड होता था, तब कई जगहों से सूचना मिलती थी कि लोग फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से इनकार कर रहे हैं। लेकिन, अब ऐसी परिस्थिति नहीं उत्पन्न हो रही है। अभियान के दौरान पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से सदस्य लोगों को जागरूक कर रहे हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

You may have missed