- लागत खर्च भी निकालना हुआ मुश्किल
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। काफी खर्च और कड़ी मेहनत के बाद भी आलू का उत्पादन औसत से कम होने से किसानो को आर्थिक क्षति उठानी पर रही है।किसानो का कहना है की गत जनवरी महीने की शुरुआत में ही कड़ाके की ठंड और शीतलहर की वजह से फफूंदनाशी दवाओं के छिड़काव के बाद भी आलू में झुलसा रोग का प्रभाव बढ़ता गया।जिस वजह से पौधे पिले पड़ने लगे और समय से पूर्व ही पौधों के सूखने के कारण दाने पुष्ट नही हो सके।जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ा है।
लागत खर्च भी निकालना हुआ मुश्किल।
किसानो का कहना है की फसल के उत्पादन को देख लागत खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है।आम तौर पर आलू की उपज प्रतकट्ठा दो से तीन क्विंटल होता है।जो इसबार महज एक से डेढ़ क्विंटल हो रहा है।जिससे किसान अपने को ठगा महशुस कर रहे है।ऐसे में आलू की उपज ने किसानो की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।वही जो आलू का उत्पादन हुआ उसके लिये भी उचित कीमत नही मिल रही है।किसानों को औने-पौने दम पर आलू बेंचना पड़ राह है।ऐसे में कर्ज की अदायगी कैसे होगी और आगामी खरीफ फसल के लिये पूंजी का प्रबंध कहाँ से होगी को लेकर किसानो के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है।
फ़ोटो(खेतों से आलू निकालते किसान)।
More Stories
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री का छपरा में चुनावी दौरा व जनसंपर्क
टीबी के अभिशाप को मिटाने के लिए पंचायतों को लिया जायेगा गोद
छठ महा पर्व के अवसर पर हुआ कम्बल वितरण