प्रो. अजीत कुमार सिंह सेंगर। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। सोमवार की सुबह जन सुराज पदयात्रा के 163वें दिन की शुरुआत सारण जिले के एकमा प्रखंड के फुचटी कला पंचायत में स्थित मनरानी अनिरुद्ध नारायण हाई स्कूल के परिसर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ फुचटी कला पंचायत से अगले पड़ाव हेतु पदयात्रा के लिए निकले। सोमवार को जन सुराज पदयात्रा एकमा प्रखंड के कटेया, परसा पूर्वी, परसा दक्षिणी आदि होते हुए एकमा प्रखंड के हुस्सेपुर पंचायत के पुराना ब्लॉक मैदान में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए दोपहर बाद पहुंची। आपको यहां बता दें कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सारण जिले में सोमवार को दूसरा दिन रहा है। इस दौरान पीके सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। जिसमें लोगों की समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिन भर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 5 आम सभाओं को संबोधित किया। जिसमें 5 पंचायत के 9 गांवों से गुजरते हुए लगभग 16.2 किमी की पदयात्रा तय की। जन सुराज पदयात्रा के दौरान लहलादपुर प्रखंड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जाति चुनाव में एक तथ्य है और चुनाव में केवल वोट जाति पर नहीं पड़ते हैं। बिहार में 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं और वो लोग जाति के नाम पर वोट नहीं देते हैं। वह आरजेडी को इसलिए वोट करते हैं, क्योंकि भाजपा के सामने उनको केवल एक ही विकल्प दिखाई देता है। समाज का एक बड़ा वर्ग है, जो जाति पर वोट नहीं करता है। बल्कि वह भाजपा को इसलिए वोट करता है। क्योंकि वो आरजेडी को वोट नहीं करना चाहते हैं। जाति चुनाव में एक पहलू है। लेकिन एक मात्र पहलू नहीं है। जाति यदि एक मात्र पहलू होती तो भाजपा और नरेंद्र मोदी को बिहार में जो वोट मिल रहा है, वह वोट नहीं मिल रहा होता। क्योकि नरेंद्र मोदी की जाति के लोग यहां नहीं हैं। लेकिन मोदी को वोट दूसरे कारणों से मिल रहा है। उनको राष्ट्रवाद के नाम पर, हिंदुत्व के नाम पर, भारत-पाकिस्तान के नाम पर वोट मिल रहा है। ये कहना कि वोट जाति के नाम पर मिल रही है, तो यह एकदम गलत है।
छपरा (सारण)। सोमवार की सुबह जन सुराज पदयात्रा के 163वें दिन की शुरुआत सारण जिले के एकमा प्रखंड के फुचटी कला पंचायत में स्थित मनरानी अनिरुद्ध नारायण हाई स्कूल के परिसर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ फुचटी कला पंचायत से अगले पड़ाव हेतु पदयात्रा के लिए निकले। सोमवार को जन सुराज पदयात्रा एकमा प्रखंड के कटेया, परसा पूर्वी, परसा दक्षिणी आदि होते हुए एकमा प्रखंड के हुस्सेपुर पंचायत के पुराना ब्लॉक मैदान में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए दोपहर बाद पहुंची। आपको यहां बता दें कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सारण जिले में सोमवार को दूसरा दिन रहा है। इस दौरान पीके सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। जिसमें लोगों की समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिन भर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 5 आम सभाओं को संबोधित किया। जिसमें 5 पंचायत के 9 गांवों से गुजरते हुए लगभग 16.2 किमी की पदयात्रा तय की। जन सुराज पदयात्रा के दौरान लहलादपुर प्रखंड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जाति चुनाव में एक तथ्य है और चुनाव में केवल वोट जाति पर नहीं पड़ते हैं। बिहार में 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं और वो लोग जाति के नाम पर वोट नहीं देते हैं। वह आरजेडी को इसलिए वोट करते हैं, क्योंकि भाजपा के सामने उनको केवल एक ही विकल्प दिखाई देता है। समाज का एक बड़ा वर्ग है, जो जाति पर वोट नहीं करता है। बल्कि वह भाजपा को इसलिए वोट करता है। क्योंकि वो आरजेडी को वोट नहीं करना चाहते हैं। जाति चुनाव में एक पहलू है। लेकिन एक मात्र पहलू नहीं है। जाति यदि एक मात्र पहलू होती तो भाजपा और नरेंद्र मोदी को बिहार में जो वोट मिल रहा है, वह वोट नहीं मिल रहा होता। क्योकि नरेंद्र मोदी की जाति के लोग यहां नहीं हैं। लेकिन मोदी को वोट दूसरे कारणों से मिल रहा है। उनको राष्ट्रवाद के नाम पर, हिंदुत्व के नाम पर, भारत-पाकिस्तान के नाम पर वोट मिल रहा है। ये कहना कि वोट जाति के नाम पर मिल रही है, तो यह एकदम गलत है।
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