रुचि कमल सिंह सेंगर। राष्ट्रनायक न्यूज।
एकमा (सारण)। जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के एकमा प्रखंड के फुचटी कला पंचायत के लगुनी गांव स्थित एक निजी स्कूल के परिसर में सोमवार की सुबह में मीडिया संवाद के दौरान बिहार से पलायन की विकरालता को बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी तक 1500 से ज्यादा गांव में घूमने के बाद यह सामने आया है की गांवों में 40 से 50 प्रतिशत युवा किसी रोजगार या मजदूरी के लिए घर छोड़कर बाहर गए हैं। बिहार के युवा साल में 10 से 15 दिन के लिए एक बार अपने घर आते हैं और घर की महिलाओं ने ये मान लिया है कि उनके परिवार के पुरुष उनके साथ 15 दिन से ज्यादा नहीं रहेंगे। बिहार में परिवार के साथ रहने का चलन धीरे-धीरे समाप्त हो गया है। बच्चे पहले पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं, फिर कमाई यानि रोजगार के लिए बाहर जाते हैं और थोड़ी उम्र होने के बाद फिर इलाज और दवाई के लिए बाहर जाते हैं। परिवार का एक साथ न रहना एक बहुत बड़ी सामाजिक त्रासदी है, जो आज बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है।


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