राष्ट्रनायक न्यूज

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बिल पास करने हेतु नहीं होती है नगर पंचायत में बोर्ड में बहुमत की आवश्यकता

  • कुल सदस्यो में एक तिहाई संख्या ही है बिल पास करने हेतु काफी

मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना। राष्ट्रनायक न्यूज।

दिघवारा (सारण)। जिला स्तर पर सत्र 2022 से 2027 तक पांच वर्ष के लिए नगर पंचायत और नगर पालिका क्षेत्र के विकास कार्य को गति प्रदान करने हेतु सरकार ने इस बार नए सिरे से नगर निकायों में चुनाव की प्रक्रिया कराई है। इस बार हुए नगर निकाय चुनाव में तीन तीन पदो हेतु मतदाताओं को वोट देने पड़े ।जिसके बाद नगर निकायों में मुख्य पार्षद , उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद का सीधे चुनाव प्रत्यक्ष रूप से हुआ। इस बार प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए चुनाव के कारण नगर निकायों में वार्ड पार्षद के द्वारा मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद नही चुने गए।इस कारण सीधे चुनाव के पश्चात निर्वाचित उप मुख्य पार्षदों मुख्य पार्षद के साथ ही वार्ड पार्षदों के बीच काफी अच्छे समीकरण नहीं बन पा रहे है। जिसका खामियाजा नगर क्षेत्र की जनता को उठाना पर रहा है।इसका उदाहरण हाल के दिनों में नगर निकायों में आयोजित बोर्ड की बैठकों में आफसी खीच तान का माहौल देखा जा रहा है।जैसे नगर पंचायत सोनपुर में भी नगर पंचायत के बैठक में विक्षुब्ध गुट के लगभग 11 व्यक्ति ही बैठक भाग लिए।वही दिघवारा नगर पंचायत में एक बारगी ऐसी परिस्थिति बनी जहां वार्ड पार्षद और मुख्य पार्षद में नॉक झोक की स्थिति बनी। ऐसी स्थिति कहीं कहीं नगर पालिका अधिनियम को पढ़कर समझा गया और नव निर्वाचित पार्षद को अधिनियम के दायरे में लाने का प्रयास किया गया। सूत्रों के मुताबिक नगर क्षेत्र में योजनाओं के चर्चा औरउसके क्रियान्वयन हेतु नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर बहुमत द्वारा योजनाओं के पारित करवाने हेतु अब पूर्ण वार्ड की संख्या से मात्र एक तिहाई होने की जरूरत है।

सरकार के इस विषय पर हुई आधिकारिक घोषणा के कारण कही खुशी तो कही गम का माहौल है

वार्ड पार्षद खेमे में जहा इस बात की चिंता जाहिर की जा रही है की कही उनकी अनदेखी की जा सकती है और नगर के विभिन्न वार्ड में वार्ड पार्षद के स्तर से विकास कार्य में रुकावट आ सकती है।वही दूसरे ओर मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद खेमे में यह विश्वास जताया जा रहा है कि उन्हें अब नगर क्षेत्र के विकास के लिए ज्यादा निर्भर समान्य बोर्ड पर नही रहना परेगा । और अविश्वास का भय दिखाकर उन पर बनने वाले दबाव को झेलना नही परेगा।जिसके कारण विकास कार्य तेजी से होंगे।

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