- टीबी से डरने की नहीं, बल्कि लड़ने की जरूरत
- जीविका दीदी को दी गयी जानकारी
पंचायत के मुखिया ने अपने कर्तव्यों का किया निर्वहन
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। अगर आप जागरूक होंगे और अन्य लोगों को क्षय रोग के बारे में बताएंगे तभी इस बीमारी के खिलाफ क्रांति आएगी और वर्ष 2025 तक जिला समेत पूरा देश क्षय रोग मुक्त होगा। कुछ ऐसा ही संदेश दे रहे हैं सारण के टीबी चैंपियन राजू रंजन । कभी वह खुद टीबी ग्रस्त थे और जिंदगी से निराश हो चुके थे, लेकिन नियमित दवाओं का सेवन कर खुद को टीबी मुक्त कर लिया। अब वह चाहते हैं कि टीबी की गिरफ्त में आए अन्य लोग भी इससे निजात पाएं। इसी उद्देश्य के साथ वह समाज में जागरूकता फैला रहे हैं। टीबी से पूरी तरह ठीक होने के बाद उन्होंने टीबी मरीजों का दर्द सुनकर संकल्प लिया कि वह इस रोग के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। इसी कड़ी में जिले के परसा प्रखंड के परसौना गांव में जीविका दीदी के साथ बैठक कर जागरूकता अभियान चलाया। टीबी मुक्त वाहिनी नेटवर्क के माध्यम से अभियान चलाया गया। जिसमें 250 से अधिक जीविका समूह की दीदी को जागरूक किया गया। इस अभियान में पंचायत की मुखिया सरिता देवी ने भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया।
टीबी चैंपियन का मिला है दर्जा:
राजू रंजन को टीबी के मरीजों की सेवा करने पर स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें टीबी चैंपियन के नाम से सम्मानित किया है। राजू कहते हैं कि शुरू में उनके काम पर लोग ध्यान नहीं देते थे लेकिन अब सलाह लेने आते हैं। मैंने संकल्प किया है कि अब मुझे जनसमुदाय में टीबी मरीजों को जागरूक कर उन्हें स्वस्थ बनाना है।बताया कि जोड़ों का दर्द, वजन कम होना, थकान, लगातार हल्का बुखार रहना टीबी के संकेत हो सकते हैं। टीबी की पुष्टि होने पर पौष्टिक आहार के लिए उसके बैंक खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि टीबी का उपचार लंबा होता है इसलिए रोगी को बीच में इसका उपचार छोड़ना नहीं चाहिए।
टीबी की जाँच की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध:
सदर अस्पताल में टीबी की जाँच की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसका इलाज जिला अस्पताल के ट्रीटमेंट सेंटर पर होता है। वहां से दवाएं ले सकते हैं। एक बार बीमारी हो जाए तो जब तक डॉक्टर न कहें, दवा न छोड़ें ।इलाज के दौरान खूब पौष्टिक खाना खाएं। एक्सरसाइज करें, योग करें । पोषण से भरपूर सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि खूब खाएं।
बचाव के लिए क्या करें:
- लक्षण होने पर बलगम की जांच कराएं।
- एक्स-रे कराएं।
- चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें।
- घरों में साफ-सफाई रखें।
- बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चलें।


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