- गरखा प्रखंड स्थित नारायणपुर दलित बस्ती में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों ने की बैठक
- मच्छर से बचाव और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने के लिए किया गया प्रेरित
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले के गरखा प्रखंड स्थित नारायणपुर दलित बस्ती में बीते दिन फाइलेरिया मरीजों की गठित संत रविदास सपोर्ट ग्रुप की मासिक बैठक संपन्न हुई। जिसमें फाइलेरिया के हाथीपांव मरीजों को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) की जानकारी दी गई। इस दौरान पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को बताया गया कि हाथीपांव मच्छर से फैलने वाला एक दर्दनाक रोग है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति के शरीर का प्रभावित हिस्सा विकलांग हो सकता है। यदि फाइलेरिया प्रभावित इलाके में यदि ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो अथवा हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर उपचार कराना चाहिए। साथ ही, लोगों को मच्छर से बचाव और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जिससे कोई दूसरा इस बीमारी की चपेट में आने से बचे।
प्रभावित अंगों की सफाई जरूरी :
पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की सदस्य रीता देवी ने बताया, फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसे केवल बढ़ने से रोका जा सकता है। इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि, कुछ उपायों के माध्यम से मरीज को थोड़ा सुकून जरूर मिल सकता है। जिसमें सबसे जरूरी है फाइलेरिया प्रभावित अंगों की ठीक से सफाई। प्रभावित अंगों को सामान्य पानी से पहले ठीक से धो लें। उसके बाद हाथों में साबुन को मलकर झाग बना लें। उसके बाद अच्छे से प्रभावित अंगों पर मलें । उसके बाद उसे हल्के हाथों से रगड़कर पानी से साफ कर लें। अंत में धुले हुए प्रभावित अंगों को सूती कपड़े से हल्के- हल्के दबाकर साफ कर लें। वहीं, रात में सोते समय तकिया या किसी अन्य चीज के सहारे अपने दोनों पैरों को ऊपर रखें। इससे काफी राहत मिलती है।
अधिकारियों से की जाएगी एमएमडीपी किट की मांग :
रीता देवी ने बताया, समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि सारण जिला समेत पूरे राज्य में रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) के लिए विभाग किट प्रदान कर रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में इसके लिए शिविर लगाए जाएंगे और हाथीपांव के मरीजों के बीच किट का वितरण किया जाएगा। हालांकि, एमएमडीपी किट सिर्फ उन्हें हीं प्रदान किया जाएगा, जो हाथीपांव के चौथे या उससे अधिक स्टेज के मरीज बन गए हों। लेकिन, अब तक जिले में किट वितरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इसलिए हम सभी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी और प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर अपने इलाके के मरीजों के बीच किट का वितरण करने की मांग करेंगे। जिससे हम जैसे हाथीपांव के मरीजों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। जिस पर सभी ने सहमति जताई। बैठक में कुसुम देवी, मंजू देवी, रीता देवी, किरण बैठा, सुमन देवी, उर्मिला देवी, उषा देवी, गंगाजलि देवी, मीता देवी और सीफार के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर नवीन कुमार शामिल रहे।


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