- टीबी मुक्त अभियान में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण: सीडीओ
- निक्षय पोर्टल पर कार्य करने के लिए किया गया प्रशिक्षित: रीच इंडिया
- सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की सहभागिता शत प्रतिशत सुनिश्चित करने को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सशक्त बनाने को लेकर ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की सहभागिता शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें पूर्णिया पूर्व पीएचसी, बनमनखी, बी कोठी, अमौर, भवानीपुर, रुपौली एवं धमदाहा प्रखंड के सभी सीएचओ ने भाग लिया। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन एएनएम स्कूल के सभागार में रीच इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा, एसीएमओ डॉ आरपी मंडल, डीईओ अमित कुमार, रीच इंडिया के जिला समन्वयक चंदन कुमार, सिफ़ार के धर्मेंद्र रस्तोगी, टीबी चैंपियन साक्षी गुप्ता, मनेंद्र कुमार, अली रजा सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
टीबी उन्मूलन की दिशा में किया जा रहा है लगातार प्रयास: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि भारत सरकार ने अपने स्तर से पूरे देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। जिसके आलोक में राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से टीबी उन्मूलन की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अपने सीमित संसाधनों एवं नई-नई तकनीक के सहारे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिले में टीबी मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में टीबी मरीजों के लिए सभी तरह के इलाज की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध है। विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी मरीज़ों की सुविधाओं को देखते हुए जांच की सुविधा के साथ ही दवा की भी उपलब्धता है। क्योंकि निजी अस्पतालों में इसका इलाज़ बहुत ज्यादा महंगा है, जबकि सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की जांच एवं दवा का वितरण नि:शुल्क है।
टीबी मुक्त अभियान में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण: सीडीओ
ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने कहा कि भारत सरकार, राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के अलावा टीबी मुक्त अभियान में सभी सहयोगी संस्थाओं के अधिकारी एवं कर्मियों का सहयोग मिल रहा है। जो काफ़ी सराहनीय है। आगामी 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण के लक्ष्य को मूर्त रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। क्योंकि इसके लिए आपसी समन्वय स्थापित करना बहुत जरूरी है। इसीलिए इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरूरत है, बल्कि पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की आवश्यकता है।
निक्षय पोर्टल पर कार्य करने के लिए किया गया प्रशिक्षित: रीच इंडिया
रीच इंडिया के जिला समन्वयक चंदन कुमार ने कहा कि टीबी जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से सीएचओ की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इनलोगों के जिम्मे ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में निक्षय मित्र के द्वारा टीबी बीमारी से ग्रसित मरीज़ों को पोषण युक्त पौष्टिक आहार खाने के लिए फूड पैकेट का वितरण निहायत ही जरूरी होता है। इसके लिए जिले के चिह्नित पंचायतों में स्थानीय स्तर पर टीम का गठन किया जाएगा। जिसमें मुखिया, सरपंच, उप सरपंच, पंचायत सचिव, टोला सेवक, जीविका दीदी, चिकित्सा पदाधिकारी, सीएचओ, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय शिक्षक के अलावा टीबी चैंपियन को शामिल किया जाएगा। जिसको लेकर इन सभी प्रखंडों के सीएचओ को निक्षय पोर्टल पर कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ताकि नियत समय पर निक्षय मित्र से संबंधित कार्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके।


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