- प्रति एक हजार की आबादी पर दो अथवा इससे कम मरीज मिलने के बाद उक्त पंचायत को किया जाएगा टीबी मुक्त: सीडीओ
- ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी उन्मूलन का प्रयास होगा शत प्रतिशत पूरा: डॉ मिहिरकान्त झा
- जनवरी से मई तक 2095 मरीज़ों की हुई ख़ोज: राजेश शर्मा
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। राज्य सरकार द्वारा जिलों के पंचायतों को टीबी मुक्त अभियान की शुरुआत के बाद जिला स्तर पर भी कवायद तेज कर दी गई है। जिसके तहत सभी पूर्व के प्रभावित पंचायतों का चयन किया जाएगा। चिह्नित पंचायतों में प्रति एक हजार जनसंख्या पर 50 संभावित मरीजों की खोज होगी। मरीज मिलने पर प्रतिवर्ष उस पंचायत में अभियान चलाया जाएगा। वहीं, प्रति एक हजार की आबादी पर दो अथवा इससे कम मरीज मिलने पर उक्त पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा। जिसको लेकर जिला यक्ष्मा केंद्र में ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा की अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक हुई। इस अवसर पर जिला टीबी एचआईवी समन्यवयक राजेश शर्मा, डीईओ अमित कुमार, टीबीएचवी राजनाथ झा, डीटीसी की परामर्शी श्वेता कुमारी, सिफ़ार के धर्मेंद्र रस्तोगी, रीच इंडिया के जिला समन्यवयक चंदन कुमार, टीबी चैंपियन साक्षी गुप्ता सहित जिले के सभी वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक (एसटीएस) एवं वरीय टीबी प्रयोगशाला पर्यवेक्षक (एसटीएलएस) उपस्थित थे।
ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी उन्मूलन का प्रयास होगा शत प्रतिशत पूरा: डॉ मिहिरकान्त झा
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत पहल का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी उन्मूलन की दिशा में कार्य करना है। जिसके तहत पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तीकरण हो। ताकि टीबी जैसी बीमारी की समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ कर आंकलन किया जा सके। जिले के सभी प्रखंडों से एक-एक पंचायतों का चयन करने के लिए आगामी 15 जून तक का समय सीमा दिया गया है,ताकि पंचायतों द्वारा टीबी उन्मूलन में सार्थक पहल किया जाए। इसके लिए ग्राम पंचायतों के साथ आयोजित बैठकों में जिला के संचारी रोग पदाधिकारी (टीबी) एवं जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा, गतिविधियां एवं स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा एवं गैर सरकारी सहयोगी संगठनों, टीबी चैम्पियन, निक्षय मित्र सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच परस्पर समन्वयन स्थापित कर संवाद एवं साझा दायित्वों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा कर जानकारी दी जाएगी।
जनवरी से मई तक 2095 मरीज़ों की हुई ख़ोज: राजेश शर्मा
ज़िला टीबी एचआईवी समन्यवयक राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि जिसके लिए पंचायत से लेकर जिला स्तर की टीम समीक्षा करने के बाद ही सत्यापित करेगी। इस पुनीत कार्य में पंचायत जनप्रतिनिधि, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका समूह से जुड़ी दीदियों सहित सामाजिक कार्यकर्ताओ का सहयोग आपेक्षित है। ज़िले में टीबी जैसी बीमारी से संक्रमित रोगियों की ख़ोज ग्रामीण स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), आशा कार्यकर्ता सहित कई अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा की जाती है। विगत 1 जनवरी से 3 जून 2023 तक जिले के सभी प्रखंडों में 2095 टीबी मरीज़ों की पहचान की गई हैं जिनका इलाज संबंधित अस्पतालों से किया जा रहा है। जिसमें जिला मुख्यालय स्थित जिला टीबी सेंटर में 972, अमौर में 136, बैसा में 43, बायसी में 97, बनमनखी में 113, बी कोठी में 58, भवानीपुर में 44, डगरुआ में 78, धमदाहा में 99, जलालगढ़ में 74, कसबा में 175, के नगर में 78, रुपौली में 86 जबकिं श्री नगर में 42 मरीज़ों को निःशुल्क दवा दिया गया है।
बचाव के लिए क्या करें:
- लक्षण होने पर बलगम की जांच कराएं।
- एक्स-रे कराएं।
- चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें।
- घरों में साफ-सफाई रखें।
- बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चलें।
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