दिघवारा(सारण)। नीतीश कुमार जैसे नेता देश के लिए, बिहार के बाद अब देश की बारी है। उक्त बातें छत्तीसगढ़ भिलाई के रहने वाले समाजवादी नेता आर पी शर्मा ने बात करने के क्रम में कहीं। आर पी शर्मा का जन्म स्थान बिहार के सारण जिले के नया गांव में स्थित है। जो जेपी मूवमेंट के समय बिहार से ही छात्र नेता के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। उन्होंने अपनी पहचान भिलाई स्थित सेल के ट्रेड यूनियन के नेता के रूप में भी बनाई जो काफी विख्यात हुए। जेपी के करीबियों में से थे एवं उस समय के तत्कालीन छात्र नेता नरेंद्र सिंह, लालू प्रसाद यादव, सुशील कुमार मोदी, नीतीश कुमार आदि के समकक्षी है। वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के करीबियों में गिने जाते हैं। बिहार और देश के कद्दावर नेता नीतीश कुमार के काम करने के तरीके पर लोग अपने-अपने विचार रख रहे हैं और लोगों को रखना भी चाहिए। जहां तक मेरी जानकारी है और जैसा मैनें प्रत्यक्ष देखा है, नीतीश कुमार जी 18 वर्ष की उम्र से ही जेपी आंदोलन में शामिल हो गए थे। उन्हें एक शालीन स्टूडेंट के तौर पर जाना जाता था। ज्यादा उत्तेजित होना और कुछ भी कह देना उनके स्वभाव में नहीं है। हम लोगों के संरक्षक और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी भी कहा करते थे कि नीतीश बीजेपी को छोड़ दें अच्छा होगा। यह उनकी इच्छा थी। इसलिए जब नीतीश जी ने बीजेपी के छोड़ा तो देश भर में बहुत सारे लोग यह कहने लगए नीतीश जी प्रधानमंत्री पद के योग्य व्यक्ति है। इससे पहले बिहार के शिखर पुरुष, पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वयोवृद्ध सांसद रामसुंदर दास जी ने नीतीश कुमार जी के लिए भिलाई में बड़ी बात कही थी। दास जी 2012 में भिलाई में हमारे जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान के बैनर तले आयोजित जेपी जयंती समारोह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि महात्मा बुद्ध और संत रामदास के जैसे नितीश भी समाज सुधारक है।
लोग शायद इस तथ्य से अंजान हैं कि एक दौर ऐसा भी आया था जब स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और भिलाई स्टील प्लांट के नीतीश कुमार ने ही बड़े संकट से उबारा था। तब सेल को बीआईएफआर की सूची में डालने की तैयारी हो गई थी और सेल की ध्वजवाहक इकाई भिलाई स्टील प्लांट सहित तमाम इकाईयों में तनख्वाह देने तक के लाले पड़ गए थे। तब कंपनी नगदी का बंदोबस्त करने अपने मकान बेच रही थी। उस दौर में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने भिलाई स्टील प्लांट को भारतीय रेलवे के लिए तीन गुना सप्लाई का आर्डर दिया। इसी तरह कृषि मंत्री के तौर पर भी नितीश कुमार ने देश के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया। नीतिश कुमार ने भाजपा का दामन छोड़ा था तो पूर्व केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम कौशिक जी ने भी कहा था कि नीतीश जी ने बहुत अच्छा काम किया। नीतीश को न सिर्फ बिहार बल्कि बिहार के बाहर भी एक आदर्श नेता माना जाता है। आज देश को ऐसे ही नेता चाहिए जो सम्मानजनक स्थिति में लेकर देश को उबारे। आज बिहार को बदनाम करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपने जा रहे हैं। बिहार के लोग इसे बखूबी समझ रहे हैं और देश भी लोगों की भाषा समझ रहा है।
आज के ज्वलंत मुद्दों की बात करें तो नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना करके देश भर में एक इतिहास रच दिया है। जो लोग जातीय जनगणना से घबरा रहे हैं वह सिर्फ हिंदू और मुस्लिम का मुहावरा खोज रहा है। यह तय है कि हमारा देश अब संपूर्ण जातीय जनगणना की ओर अग्रसर है। इसका श्रेय समाजवादी नेताओं को जाता है। राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, आचार्य नरेंद्र देव और जनेश्वर मिश्रा जैसे समाजवादियों ने दबे-कुचले तबके के लिए जातीय अधिकार की बात करते थे। 100 में 90 की बात करते थे। आज नीतीश कुमार ने समाजवाद के इन पुरोधाओं को परिकल्पना को साकार किया है और देश में एक नई दिशा की जोत जला दी है। यह ज्योत अब बुझने वाली नहीं है और देश को अपनी बपौती समझ कर चलाने वाले अब होशियार हो जाए। अब आबादी के अनुपात में जनता अपने अधिकार के लिए लामबंद है।


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