बाढ़ की विभीषिका झेल चुके पशुपालकों के समक्ष अब पशुओं के लिए महंगा बिक रहा भूसा
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
तरैया (सारण)। सारण तटबंध टूटने के साथ पानापुर, तरैया, मसरख, इसुआपुर समेत आसपास के प्रखंडो में बाढ़ ने अपना खूब कहर ढाया। सबसे अधिक परेशानी मध्यम वर्ग तथा पिछड़े वर्गों के लोगों को हुई जहां बाढ़ में अपना सबकुछ गवा बैठे किसानों व पशुपालकों पर दोहरी मार पड़ी हैं। बाढ़ में पशुओं को चारे की समस्या और अब वजन से भूसा मिल रहा हैं। आलम यह हैं कि प्रखंड के शाहनेवाजपुर धर्मकांटा के समीप से पशुपालन गेहूं का भूसा वजन से खरीद कर ले जा रहे हैं। किसान कहते हैं, पैसे से ही सही आसानी से भूसा मिल जा रहा। जिससे पशुओं के चारे का काम चल जा रहा हैं। क्षेत्र में भीषण बाढ़ ने पशुपालकों के दर्जनों बेढ़ी भूसा सहित तेजधार में बह कर चले गये। बाढ़ समाप्ति के बाद पशुओं के चारा की विकट स्थिति उतपन्न हो गयी है। एक समय था जब व्यवसायी यहां से भूसा खरीदकर हाजीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पटना ले जाते थे। और अब ऐसा वक्त आया हैं कि यूपी व हरियाणा के व्यवसायी ट्रक से यहां भूषा बेचने पहुच रहे हैं, जो 1200 रुपये किउंटल बिक रहे है।


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