आखिरकार बीमार बंदर को मांझी के नागा बाबा मठ परिसर में मिल गई शरण
वीरेश सिंह/के. के. सिंह सेंगर
मांझी (सारण)। मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर-रसूलपुर सड़क पर कलान व लालपुर गांवों के मध्य स्थित नचाप गांव के प्रवेश द्वार के समीप लगभग एक पखवाड़े से लावारिस हालत में बीमार पड़े बन्दर को ग्रामीणों ने आखिरकार पकड़ कर मांझी के नागा बाबा मठ परिसर में शरण दे दी। इससे पहले सारण स्थानीय निकाय एमलसी पद के सम्भावित प्रत्याशी सुधांशु रंजन के आग्रह पर वन विभाग की टीम ने बन्दर को पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन बन्दर उनकी पकड़ में नहीं आ सका। बाद में पुनः समाजसेवी सुधांशु रंजन के अनुरोध पर मंगलवार की सुबह पहुंचे समाजसेवी कृष्णा सिंह पहलवान, सोनू कुमार यादव, अतुलेश कुमार उर्फ भोला सिंह, विक्की सिंह आदि के साथ करीब एक दर्जन युवकों ने कड़ी मशक्कत के बाद बीमार बन्दर को काबू कर लिया। इससे पहले नचाप के समीप सड़क किनारे पड़े बन्दर को एक पखवाड़े से राहगीर खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध करा रहे थे। चूंकि अंधा बन्दर कहीं आने जाने में असमर्थ था। इसलिए मंगलवार को मांझी के प्रसिद्ध नागा बाबा मठ में उक्त अंधे व बीमार बन्दर को शरण मिल गई है। मठ के महंत बालक दास ने बीमार बन्दर की समुचित देखभाल, भोजन व उपचार का संकल्प लिया है। इसकी जानकारी पत्रकार मनोज सिंह ने दी है।


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