छपरा-मशरक-थावे रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन की मांग
मशरक (सारण)ऑनलॉक होने के बाद भी आम लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में समय के साथ ही आर्थिक बोझ इन दिनों बढ़ गया है। यही कारण है कि अब पैसेंजर ट्रेनों तथा एक्सप्रेस ट्रेन को फिर से चलाने की मांग बड़े जोर-जोर से दैनिक यात्री तथा आम यात्री करने लगे हैं। यात्रियों एंव आम लोगों ने रेल प्रशासन से छपरा- मसरख व छपरा- लखनऊ एक्सप्रेस के अलावे अब नये समय सारणी के साथ मशरक-थावे रेल खंड पर पैसेंजर ट्रेन की परिचालन की आग्रह पत्र भी भेजा गया है। पैसेंजर ट्रेनों के पिछले तीन महीने से बंद होने के बाद यात्रियों की समस्या बढ़ गई है। छपरा से मसरख आने जाने के लिए यात्रियों को जहाँ बस से किराया चालीस रुपए देने पर रहे हैं जो ट्रेन के किराया से लगभग तीन गुणा महंगा है। कोरोना काल के अब लगभग प्रभाव खत्म होने के बाद अब मजदूर और निम्न तबके के लोग जो रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले है वो अब कुछ काम करने की जुगाड़ में लगे हैं। जिसे लेकर कम खर्च में ट्रेनों के सफर के द्वारा बड़े शहरों की तरफ पलायन करने की चाहत रखें हैं। ट्रेनों के परिचालन बंद होने के कारण फेरी लगा अपनी दुकान चला कर बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी की जुगाड़ कर लेते है। जो अब उनके लिए एक वक्त की रोटी के लाले पड़े है। मशरक निवासी समाजसेवी कुंदन सिंह का कहना है कि अब कोरोना काल के बाद लोगो की जेब ढीली पड़ गई है। जिसे देख रेल प्रशासन को नये समय सारणी के साथ ट्रेनों का परिचालन शुरू कर देना चाहिए जिसे लोगों को सहुलियत मिल सके। ट्रेनों के सहारे रोजाना सफर करने वाले अधिवक्ता वैभव तिवारी का कहना है कि रेल प्रशासन मसरख थावे छपरा के बीच अविलंब पैसेंजर ट्रेन चलाए ताकि जिला मुख्यालय आने जाने में दैनिक कर्मी समेत न्यायालय कार्य करने वालों को हो रही परेशानी दूर हो।


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