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पूर्णियाॅ: पोषण पुनर्वास केंद्र के सुचारू क्रियान्वयन हेतु बैठक में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर दिया जोर

पोषण पुनर्वास केंद्र के सुचारू क्रियान्वयन हेतु बैठक में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर दिया जोर

– पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर दिया जोर
– चाइल्ड ओपीडी में आए कुपोषित बच्चे भेजे जाएंगे एन.आर.सी.
– एन.आर.सी. के नए स्वास्थ्य कर्मियों को मिला है प्रशिक्षण

पूर्णियाँ। जिले के सदर अस्पताल में कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए कार्यरत पोषण पुनर्वास केंद्र के सफल संचालन निष्पादित करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र भवन में समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया. आयोजित बैठक में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) के सफल संचालन, बच्चों की उपलब्धता, नए स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण आदि विषयों पर चर्चा की गई. बैठक में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा, एनआरसी के नोडल पदाधिकारी डॉ. सुरेंद्र दास, ज़िला स्वास्थ्य समिति की ओर से जिला अनुश्रवण मूल्यांकन पदाधिकारी दीपक कुमार विभाकर, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक, सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक सिंपी कुमारी, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा की ओर से सी-मैम कंसलटेंट मेघा सिंह, एनआरसी के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी निशि कुमारी, एनआरसी के जीएनएम गुलशन, एनआरसी के डायटीशियन स्मृति राज व एएनएम रेखा कुमारी उपस्थित थी.

पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर दें जोर :
आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने कहा कि जिला सदर अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों की उपलब्धता में कमी देखी जा रही है. पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए यूनिसेफ के सहयोग से जिले के सभी आशा फैसिलेटर, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, आर.बी.एस.के. चिकित्सकीय दल को प्रशिक्षण भी दिया गया है. इन सभी को विभिन्न क्षेत्रों में पाए जा रहे कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजा जाए. बैठक में उन सभी कर्मियों को कम से कम दो कुपोषित बच्चों का स्क्रीनिंग करके प्रतिमाह पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजने के लिए निर्देशित किया गया. ऐसा न करने की स्थिति में सम्बंधित स्वास्थ्य पदाधिकारी को स्पष्टीकरण देना होगा.

चाइल्ड ओपीडी में आए कुपोषित बच्चों को भेजें एन.आर.सी. :
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने कहा कि स्वास्थ्य जांच के लिए जिले के बहुत से बच्चे चाइल्ड ओपीडी में आते हैं. ऐसे में वहां पाए गए कुपोषित/अतिकुपोषित बच्चों की स्क्रीनिंग कर उसे पोषण पुनर्वास केन्द्र(एन.आर.सी) रेफर किया जाए. इसके लिए सी.बी.सी गौतम कुमार को सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार जबकि आर.बी.एस.के. से सैयद शाकिब को मंगलवार, बृहस्पतिवार एवं शनिवार को चाइल्ड ओपीडी में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.

एन.आर.सी. के नए स्वास्थ्य कर्मियों को मिला है प्रशिक्षण 
पोषण पुनर्वास केंद्र के सफल संचालन के लिए यहां नए स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई है जिसका प्रशिक्षण यूनिसेफ के द्वारा करवा दिया गया है. पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध नए स्वास्थ्य कर्मियों में फीडिंग डिमोस्टेटर के लिए स्मृति राज, सी.बी.सी. एक्सटेंडर में गौतम कुमार व आर.बी.एस.के. से सैयद साकिब को प्रशिक्षण दिया गया है.

क्वालिटी सर्विस को बढ़ावा देने का हुआ विमर्श :
आयोजित बैठक में डिटीएल केअर आलोक पटनायक ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में क्वालिटी सर्विस बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. एन.आर.सी. में उपस्थित बच्चों का एंटीबायोटिक्स (आई.वी. व ओरल) से इलाज करना, भर्ती कुपोषित बच्चों की 24 घंटे देखभाल करना, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमियों में सुधार हेतु ससमय पूरक आहार देना, अभिभावकों को भी निर्धारित मेनू के आधार पर भोजन देना, माँ या अन्य देखभाल करने वालों को उचित खानपान, साफ-सफाई के विषय पर विमर्श देना, डिस्चार्ज के बाद 2 माह तक हर 15 दिन में फॉलोअप करना इत्यादि को बढ़ावा दिया जायेगा.

कोरोना संक्रमण पर भी जागरूकता का दिया गया निर्देश 
आयोजित बैठक में एन. आर. सी. में कार्यरत सभी स्वास्थ्य कर्मियों को आने वाले सभी परिजनों और बच्चों में कोरोना संक्रमण से बचाव सम्बंधित जानकारी देने का भी निर्देश दिया गया. एन.आर.सी. केंद्र में सभी को मास्क और ग्लव्स के साथ प्रवेश करना है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना है और साफ-सफाई पर ज्यादा फोकस करने पर जोर दिया गया.

क्या है पोषण पुनर्वास केंद्र:
पोषण पुनर्वास केंद्र में अतिकुपोषित बच्चे को 21 दिनों के लिए रखा जाता है. उन्हें डाक्टरी सलाह के मुताबिक ही डाइट दी जाती है. अगर यहां रखा गया कोई बच्चा 21 दिन में कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाता है तो वैसे बच्चों को एक माह तक भी यहां रखा जाता है. बच्चों की देखभाल के लिए यहां स्टाफनर्स, केयरटेकर व कुक तैनात हैं.

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