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कोरोना से बचाने के लिए बुजुर्गों का रखें खास ख्याल, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से खतरा अधिक

• प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पदार्थों का करें सेवन

• बाहर निकलने से करें परहेज
• बाहर न निकलने का मतलब कमरे में कैद करना नहीं

छपरा(सारण)-  कोरोना से बचाव को लेकर वैसे तो हर किसी को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है लेकिन बुजुर्गों (60 साल से ऊपर) का कुछ खास ख्याल रखना भी बहुत ही जरूरी है. इस अवस्था में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते उनके संक्रमित होने का खतरा अधिक ही होता है. ऐसे में उन्हें घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं कि उन्हें कमरे में कैद कर दिया जाए. घर के हर सदस्य का फर्ज बनता है कि इस विषम परिस्थिति के समय वह घर के बुजुर्ग सदस्यों से पूरी तरह प्यार से पेश आयें और उन्हें उस तरह का माहौल प्रदान करें ताकि उनको घर से बाहर निकलने की जरूरत ही न महसूस हो।

बुजुर्गों को रखें पूरा ख्याल:

बुजुर्गों को एकाकीपन न महसूस हो, इसके लिए जरूरी है कि परिवार के अन्य सदस्य साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखते हुए उनको पर्याप्त समय दें. उनके लिए ऐसे कमरे का चयन करें जो की हवादार और खुला हुआ हो. उनके घर की बालकनी व बरामदे में टहलने की कोई पाबंदी न हो. मनोरंजन के लिए उनको टीवी पर उनके मनपसंद का सीरियल आदि देखने से न रोकें. पूजा-पाठ करते हों तो उन्हें उसको जारी रखने दें. व्यायाम करना भी ऐसे वक्त में जरूरी है. इसके लिए पार्क की जगह बरामदे और बालकनी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे माहौल में यह भी जरुरी है कि बुजुर्गों के साथ प्यार से बात की जाए ताकि उन्हें संक्रमित होने के ख़तरे का आभास भी कम हो.

बुजुर्गों में संक्रमण का दोगुना ख़तरा:

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार बुजुर्गों में कोवीड-19 के संक्रमण का खतरा आम लोगों की तुलना में दोगुना अधिक होता है. इसलिए बुजुर्गों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. ख़ास कर ऐसे बुजुर्ग जो किसी गंभीर रोग जैसे मधुमेह, ह्रदय रोग, फेफड़े एवं गुर्दे के रोग से पीड़ित हों, उनके परिवार को बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. इसके लिए जरुरी है कि बुजुर्गों के आहार का भी ध्यान रखा जाए.

खानपान पर दें पूरा ध्यान :

ऐसे समय में बुजुर्गों के खानपान पर भी पूरी तरह से ध्यान दिया जाए ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे. उनको ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ सेवन करने को दिए जाएं, जैसे- गुनगुना पानी, जूस, नीबू रस गुनगुने पानी के साथ, तुलसी-अदरक वाली चाय आदि । उनके भोजन में दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और दाल की भरपूर मात्रा होनी चाहिए. मौसमी और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल जरूर लें. इसके आलावा जो लोग मांसाहारी हैं वह अच्छे से पके हुए चिकन-मटन व अच्छी तरह से उबाले गए अंडे का ही सेवन करें. कोरोना से बचने का सही तरीका ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतना ही है, ताकि वायरस को पूरी तरह से ख़त्म किया जा सके. हाथों को बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोएं, हाथों से मुंह-आँख व नाक को अनावश्यक न छुएँ, छूने के बाद हाथों को धोएं, घर के बार-बार इस्तेमाल होने वाले स्थानों की सफाई पर खास ध्यान दें और बाहरी लोगों के संपर्क में आने से बचें.

हमें विश्वास है, हम जीतेंगे:

रिविलगंज निवासी 60 वर्षीय सिधिया देवी का कहना है कि विश्व मे फैले कोरोना वायरस को लेकर मैं और मेरे पूरे परिवार के सदस्य 3 दिनों से घर मे ही है। वे इसको लेकर पूरी तरह से सतर्क है और लॉक डाउन के नियमो का पालन कर रही है। ऐसे माहौल में उन्हें घर वालों का पूरा सहयोग भी मिल रहा है। उन्हें भी यह बात मालूम है कि उनकी सावधानी से सिर्फ वह ही सुरक्षित नहीं होंगे, बल्कि उनका परिवार भी सुरक्षित रहेगा. ‘‘ मुझे विश्वास है कि कुछ दिनों के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी. तब तक इस गंभीर वायरस से लड़ने में सबको सहयोग करने की जरूरत है. सबके सहयोग से हम इस गंभीर स्थिति का सामना आसानी से कर सकेंगे।

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