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सारण के 20 प्रखंडों के 260 गांव के खेतों से 10,660 जगहों से सेम्पल लेकर होगा मिट्‌टी जांच, किसानों को दिया जाएगा स्वायल हेल्थ कार्ड

20 प्रखंडों के 260 गांव के खेतों से 10,660 जगहों से सेम्पल लेकर होगा मिट्‌टी जांच, किसानों को दिया जाएगा स्वायल हेल्थ कार्ड

  • मिट्‌टी जांच प्रयोगशाला में अब तक 330 खतों से जांच के लिए आया है मिट्‌टी
  • किसानों ने मिट्‌टी जांच के आधार पर किया खेती, कम खर्च में  अधिक पैदावार
  • मिट्टी में 17 प्रकार के पाये जाते है पोषक तत्व, 12 तत्व है महत्वपूर्ण

लेखक: कशिश भारती 

छपरा(सारण)। जिला मिट्‌टी जांच प्रयोगशाला में किसानों के खेतों की मिट्‌टी की जांच कर स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जाएंगा। जिससे किसानों को पता चल सके कि खेतों में किसी पोषक तत्वों की कमी है और उसके आधार मिट्‌टी में उर्वरका का प्रयोग कर बेहतर पैदावार हासिल कर सकेंगे। इसको लेकर विभाग ने मिट्‌टी जांच प्रयोगशाला में 20 प्रखंडों के 260 गांव के खेतों से 10,660 जगहों से सेम्पल यानी मिट्‌टी जांच करने का निर्धारित किया है। जिस पर प्रयोगशाला के अफसरों व कर्मियो ने निर्धारित लक्ष्य को पुरा करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। किसानों के खेतों से मिट्‌टी का सैम्पल लेने को लेकर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक सभी पंचायतों के किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। ताकि ससमय मिट्‌टी की जांच को किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जा सके। मिली जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंडों से अभी तक करीब 330 सैम्पल ही मिट्‌टी जांच प्रयोगशाला में प्राप्त हुआ है। मिट्‌टी के सैम्पल आने में विलंब होने पर मिट्‌टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक रसायन डॉ. दीपक कुमार ने कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। सहायक निदेशक ने बताया कि जिले 20 प्रखंडों के 260 गांव के करीब 10 हजार 660 ग्रीडों से मिट्‌टी का नमूना लेकर जिलास्तरीय प्रयोगशाला में जांच किया जाएगा। जांच रिपोर्ट के अनुसार किसानों को मृदा हेल्थ कार्ड भी दिया जाएगा। साथ ही मिट्‌टी में मौजूद पोषक तत्वों एवं उसके उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिट्टी जांच के बाद मिट्‌टी में पाये जाने वाले पोषक तत्वों की कमी का पता चल जाता है। जिसके अनुरूप रसायनिक व जैविक खादों का प्रयोग करने के लिए विभाग के अफसरों द्वारा किसानों को उचित सलाह दी जाती है। इससे मिट्‌टी को स्वस्थ्य किया जा सकता है।

तीन चरणों में होगा मिट्‌टी जांच

मिट्‌टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि जिले के करीब 10 हजार 660 ग्रीडों के मिट्‌टी का जांच तीन चरणों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में बुआई पूर्व, दूसरें चरण में वनस्पति अवस्था में तथा तीसरे चरण में फसल कटनी के दौरान मिट्‌टी का नमूना लेकर जांच किया जाएगा।

मिट्‌टी में 17 प्रकार के होते है पोषक तत्व, किसानों को पोषक तत्वों के कमी की पूर्ति के लिए बताये जाते है उपाय

स्वायल हेल्थ कार्ड में खेतों के मिट्‌टी में पाये जाने वाले सभी पोषक तत्वों का विवरण दिया जाता है। साथ ही मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी होती है उसकी भरपाई करने के तरीके भी बताये जाते है। इस बावत मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक ने बताया कि मिट्‌टी में 17 प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है। जिसमें 12 तत्व महत्वपूर्ण होते है। मिट्टी जांच के बाद जिन पोषक तत्वों की कमी होती है, उसके बारे में किसानों को विस्तार से बताया जाता है। साथ ही खेतों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए आवश्यक रसायनिक व जैविक खाद का अनुशंसा भी किया जाता है। इसके आधार पर खेती करने वाले किसान कम खर्च में अच्छी पैदावार हासिल करते है। बता दें कि पारंपरिक तरीके से उर्वरक का प्रयोग कर खेती करने के तूलना में मृदा स्वास्थ कार्ड के आधार पर मिट्टी का उपचार कर खेती करने पर कम खर्च में अधिक पैदावार होता है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड की तीन साल होती है वैधता

मिट्‌टी जांच के बाद दिये जाने वाले मृदा स्वास्थ्य कार्ड की वैधता तीन साल की होती है। एक बाद मिट्‌टी जांच कराने के बाद किसान स्वास्थ्य कार्ड में वर्णित पोषक तत्वों का उपयोग कर तीन वर्षो तक खेती कर सकते है। इसके बाद पुन: मिट्‌टी की जांच करानी पड़ती है। ताकि मिट्‌टी में पाये जाने वाले पोषक तत्वों की सही जानकारी किसानों को मिल सके।

मिट्‌टी में पाये जाने वाले पोषक तत्वों के मानक

पोषक तत्वों के नाम        मानक                                            स्तर

मिट्‌ट की प्रतिक्रिया        6.5-7.5                                       सामान्य

लवण की मात्रा                01 से कम                                   सुरक्षित

जैविक कार्बन             0.5 – 0.75                                     मध्यम

नाईट्रोजन                 250 – 500                                     निम्न

फास्फेट                  25 – 50                                           मध्यम

पोटैशियम                125 – 300                                     मध्यम

सल्फर                   10 से अधिक                                 परीक्षण नहीं

जिंक                    0.78 से अधिक                                    ——-

बोरोन                    0.50 से अधिक                                 परीक्षण नहीं

आयरन                  7.00 से अधिक                                सामान्य

मैंगनीज                  3.00 से अधिक                              सामान्य

कॉपर                    0.60 से अधिक                               सामान्य

मिट्‌टी में ये पाये जाते है पोषक तत्व

कार्बन

हाईड्रोजन

ऑक्सीजन

नाईट्रोजन

फास्फोरस

पोटैशियम

कैल्सियम

मैग्नेशियम

सल्फर

जिंक

कॉपर

आयरन

मैंगनीज

बोरोन

मोलीब्डेनम

क्लोरीन

क्या कहते है अफसर

विभाग द्वारा 10 हजार 660 ग्रीडों के मिट्‌टी का नमूना लेकर जांच का लक्ष्या निर्धारित किया गया है। अभी तक करीब तक 330 नमूना ही प्राप्त हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है। शेष ग्रीडों से नमूना प्राप्त करने के लिए सभी कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है। मिट्‌टी में 17 प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है। जांच के परिणाम आने के बाद किसानों को उचित मात्रा में रसायनिक व जैविक खादों के प्रयोग करने के लिए बताया जाता है।एक बार मिट्टी जांच कराने के बाद दिये गए सुझाव के आधार पर किसान तीन वर्ष तक खेती कर सकते है।

डॉ. दीपक कुमार, सहायक निदेशक, रसायण, सारण।