हेल्थ गार्ड कोरोना ब्रेकडाउन से परेशान है ही, पेमेंट ब्रेक आॅफ होने से और मुश्किल में
साढ़े चार हजार मासिक मानदेय में पीएफ के नाम पर कटौती , कैरोना महामारी में कोई बच्चा दूध के बिना न मरे गार्ड अर्जुन सिंह रात 9 बजे तक दूध पहुंचा देता है
अखिलेश परमार।
दिघवारा (सारण)- कैरोना ब्रेक डाउन से अधिक परेशान व हलकान हैं, पेमेंट ब्रेक आफॅ से,हेल्थ गार्ड। दिघवारा सीएचसी पर तैनात सुरक्षा गार्ड अर्जुन सिंह 12 से 14 घंटा ड्यूटी के बाद अपनी गाय की सेवा और लोक सेवार्थ फिलवक्त दूध पहुंचा रहा है ,घर घर । ताकि कोई बच्चा दूध के बिना न मरे । बकौल अर्जुन सिंह ष् मेरे पास यदि धन होता तो निःशुल्क दूध जरूरतमंदों तक पहुँचाता किंतु गरीब हूँ और प्रधानमंत्री के आह्वान पर उचित मूल्य 40 रुपये प्रति लीटर दूध स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर आम जनता को दे रहा हूँ । सच पूछिए तो गाय माता ही मुझे और मेरे बच्चों को आहार दे रही है। बाध्यातव्य है कि राजग सरकार के गठन 2005 के बाद प्रदेश में राज्य स्वास्थ्य समिति, जिला स्वास्थ्य समिति और प्रखंड मे रोगी कल्याण समिति का गठन हुआ । समिति द्वारा संविदा पर डाक्टर, डाटा ऑपरेटर आदि नियोजित हुए। अस्पतालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी 2014 तक बिहार रक्षा वाहिनी के सिपाहियों की थी, फिर स्वास्थ्य समिति ने निजी सुरक्षा कंपनियों को निविदा पर सुरक्षा व्यवस्था सौंप दी। जिसमें स्थानीय लोगों को एक तयशुदा मानदेय पर सिक्योरिटी गार्ड के रूप तैनाती हुई। पूर्व में सूर्या सिक्योरिटी सर्विस को निविदा मिली और जिला के सभी पीएचसी, सीएचसी, सदर अस्पताल, रेफलर अस्पतालों व एपीएचसी में कुल 23 सिक्योरिटी गार्ड तैनात हुए और तयशुदा मानदेय उन्हें प्रतिमाह मिल जाता था। वर्श 2016 में निविदा बालाजी सिक्योरिटी सर्विस को मिली, और साढ़े चार हजार मासिक मानदेय तय हुई जिसमें 500 रुपये पीएफ के नाम पर कटता लेकिन पीएफ नंबर अभी तक नहीं मिला,संचालक रांची झारखंड से संचालित करते हैं। दिघवारा सीएचसी में तैनात सुमन सिंह, बलवंत रवि, वीर भजन राय ,धनंजय रवि,करण राम और अर्जुन सिंह हैं। जिनका मानदेय भुगतान एक वर्ष से लंबित है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा भुगतान का आश्वासन ही मिलता है,राशन के लिए ड्यूटी के कुछ न कुछ रोजगार धंधा करते हैं, जिससे इन गार्डों के परिवार की परवरिश हो रही है। अर्जुन सिंह की दियारा क्षेत्र में जमीन तो है,लेकिन सरकार ने उसे टोपो लैंड घोषित कर दिया है ।बहरहाल, वह बटाई पर खेती व पशुपालन से अपने परिवार की परवरिश करता था। दरियापुर पीएचसी में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी के दौरान बटाई खेती बंद हो गई और दिघवारा सीएचसी में आ गया किंतु बालाजी सिक्योरिटी सर्विस के शोषण का शिकार बनता गया ।
अब जब
उन घोषित हो गया । सिक्योरिटी गार्डों के अनुसार हम लोग भी देश के नागरिक हैं, आपदा राहत के पूर्व सरकार व प्रशासन हमारी गाढी कमाई की रकम का भुगतान कर दें । इस संबंध में बालाजी सिक्योरिटी सर्विस के संचालक के दोनों मोबाइल नंबर 94315898991,870947651 पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई किंतु स्वीच आॅप बतायाजा रहा था।
कैरोना ब्रेक डाउन की अवधि 14 अप्रैल तक तय हुई है तो तमाम सिक्योरिटी गार्ड्स चिन्तित हैं। इन चिन्ताओं को धत्ता बता अर्जुन सिंह भले दूध का दाम लेकर घर घर पहुंचा रहा है,परंतु ब्रेक डाउन में आपनी भागीदारी का निर्वाह इमानदारी पूर्वक कर रहा है, दूध की शुद्धता की गारंटी लेते हुए कहता है यदि गाय दूध शुद्ध सिद्ध नहीं हुआ जो दंड मिलेगा उसे स्वीकार करूँगा। किंतु स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य समिति व अधिकारियों, सिक्योरिटी सर्विस बालाजी के संचालक ,सहसंचालक, फ्रेंचाइजी के बीच कमाई गाढी रकम डूबने की चिंता जरूर है। मई माह में बच्ची की शादी ,कैरोना ब्रेक डाउन, व पेमेण्ट ब्रक आॅफ से फिक्रमंद है।
दिघवारा सीएचसी पर तैनात सुरक्षा गार्ड जिलाधिकारी के जनता दरबार में दस्तक देने ही जा रहे थे कि ब्रेक डा सिक्योरिटी गार्डों के मानदेय भुगतान पर बोले सिविल सर्जन सह जिला मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी श् अस्पतालों में तैनात सुरक्षा गार्डों का मानदेय भुगतान न होना, आश्चर्य का विषय है।इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के स्पष्टीकरण माँगा जाएगा ।श्
डाक्टर मधेश्वर झा
सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, छपरा, (सारण)


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