बहन, गुरू और मित्र के पास कभी खाली हाथ न जाए:कृष्णचन्द्र शास्त्री
मुरारी स्वामी की रिर्पोट। राष्ट्रनायक न्यूज।
गड़खा (सारण)। श्रीमद्भागवत कथा वाचक कृष्णचन्द्र शास्त्री वंशीवाला सह यज्ञाचार्य ने नैतिक शिक्षा का अनमोल ज्ञान खूब दिया । उन्होंने कहा कि मित्र , गुरु एवं बहन के पास खाली हाथ कभी भी नहीं जाना चाहिए। बड़ो का आदर, छोटों को स्नेह एवं बुजुर्गों की सेवा करना किसी तीर्थाटन से कम नहीं है। श्री शास्त्री ने तरुणाई के पथभ्रष्ट होने पर चिंता जाहिर की और अपने कन्हैया जैसे आदर्श इंसान बनने पर जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हमारे कन्हैयाजी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर, पायलट, नीतिज्ञ, मित्र, प्रेमी एवं सफल नायक थे। श्रीकृष्ण ने दुनिया के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया और अपने जमाने के हर अत्याचारियों दुष्टों को सबक सिखाया एवं विधि सम्मत समाज की स्थापना की। उन्होंने कहा कि जब हमारे कन्हैया जी द्वारिकाधीश बने तो एक तरफ एक सफल भाई मित्र पुत्र की भूमिका तो अदा की ही साथ ही एक सफल राजा के रूप में भी अपने को प्रस्तुत किया। मथुरा बृन्दावन बरसाने रमणरेती गोकुल कुंजगली एवं गोवर्धन का जिन्होंने दर्शन कर लिया वे साक्षात कृष्णधाम को प्राप्त हो जाते हैं। इनके चरित एवं खासकर बाललीलाओं में जो मिठास और आनंद है वह कही भी किसी के सानिध्य में नहीं प्राप्त होता हैं। शशि कान्त भारती, ब्रजेश सिंह, शिला राय, किशोरी राय, कपिल राय, चंद्रदीप राय, कल्याण राय, पूर्व जिला पार्षद जयप्रकाश साह आदि उपस्थित थे ।


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