सरकारी गेहूं के बीज ने दिया धोखा, किसानों में मायूसी
संजय सिंह सेंगर की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
तरैया (सारण)। सारण जिले के तरैया प्रखंड में किसानों द्वारा प्रखंड कृषि कार्यालय से बीज लेकर गेहूं की खेती करने के बाद बीज नहीं अंकुरित नहीं होने के कारण किसानों में मायूसी छा गई है एवं हजारों रुपए खर्च करके खेती किए हुए किसान खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। मामला तरैया प्रखंड के पोखरेड़ा पंचायत के लौवां गांव का है जहां सैकड़ों किसानों ने ऑनलाइन आवेदन करने के बाद प्रखंड कृषि कार्यालय से बिहार बीज निगम का बीज लाकर खेती किया था लेकिन गेहूं की बुवाई करने के बाद लगभग 2 हफ्ते बीत जाने के बाद भी बीजों में अंकुर नहीं आने के कारण किसानों को चिंता सताने लगी एवं मिट्टी में से खोदकर बीज निकालने के बाद गेहूं के बीज सड़े हुए पाए जा रहे हैं जिसके वजह से किसानों में निराशा व्याप्त हो गई है। हालांकि इसी गांव में इन किसानों से पहले बिजला कर खेती करने वाले किसानों को बीज से कोई शिकायत नहीं है लेकिन आज से लगभग 15 दिन पहले जितने किसानों ने बीज लाकर इस्तेमाल किया उन्हीं के साथ यह समस्या आ रही है जिसकी वजह से गरीब किसानों के दर्जनों एकड़ की खेती बर्बाद हो चुकी है एवं सरकारी बीज में शिकायत आ जाने के ठगा हुआ सा महसूस कर रहे किसानों के पास ऊंचे दाम पर बाजार में उपलब्ध बीज खरीद कर खेती करने के अलावा कोई चारा नहीं है लेकिन गेहूं बुवाई करने का समय भी निकल जाने के कारण वह ऐसा करने से भी कतरा रहे हैं किसानों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में लौवां गांव निवासी कृष्णा राय, हरेश राय, उपेंद्र राय, रामप्रवेश राय, लक्ष्मण राय समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि काफी मशक्कत करने के बाद कई दिनों तक प्रखंड कृषि कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद हम लोग बीज लेकर आए थे एवं काफी खर्च करके लेकिन बीज अंकुरित नहीं होने के कारण हमारा सारा खर्चा बर्बाद हो गया है एवं खेती के समय निकल जाने के कारण कहीं से कर्ज लेकर दोबारा गेहूं की बुवाई करने में भी डर लग रहा है कहीं देर होने की वजह से दुबारा बुआई करके भी उसी समस्या का सामना करना ना पड़े। ज्ञातव्य हो कि यह सभी लोग परंपरिक किसान हैं हमेशा से ही खेती किसानी के काम करते आ रहे हैं इस वजह से इन लोगों के पास अनुभव की कमी भी नहीं है लेकिन इस बार आ रही समस्याओं के पीछे कहीं ना कहीं सरकारी बीज ही जिम्मेवार दिखाई दे रहा है जिसकी वजह से इन किसानों को इतने बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है साथ ही आने वाले समय में भुखमरी के शिकार होने का डर भी सता रहा है। मामले के संबंध में बात करने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद ठाकुर ने बताया इस सीजन में जितने भी बीज आए हैं प्रत्येक लाॅट को प्रखंड कृषि कार्यालय में टेस्ट करके उसके अंकुरण क्षमता की जांच की गई है एवं किसी भी बीज में कोई शिकायत नहीं पाया गया इसके बाद भी अगर कहीं से कोई शिकायत आती है तो यह वहां की मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करता है क्योंकि तुरंत ही बाढ़ की स्थिति से निकलने के बाद निश्चित गहराई के नीचे मिट्टी में अभी भी काफी नमी है एवं अधिक गहरे में जाने की वजह से बीजों का सरना लाजमी है आगे उन्होंने बताया की औपचारिक रूप से अभी तक इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अगर कोई शिकायत मिलता है तो उसके संबंध में जांच की जाएगी।


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