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सब-ए-बारात के दिन कोई न निकले अपने घरों से बाहर, घर में ही रह कर करें ईबादत समाजिक कार्यकर्ता आसिफ खान

अर्जुन कुमार।
रिविलगंज (सारण)- नगर पंचायत रिविलगंज क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्त्ता आसिफ खान ने पर्व सब-ए-बरात को लेकर लोगों करते हुए कहा कि इस दिन अपने घरों में करें इबादत, नहीं निकलें अपने घरों से बाहर।सब-ऐ-बरात 9 अप्रैल के सूरज डूबने के बाद शाम से शुरू होगा जो 10 अप्रैल को सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा। इस्लाम धर्म में इस रात का खास महत्व होता है इस दिन सारे मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर इबादत करते हैं, अपनी गुनाहों(पाप) के लिये माफी मांगते है।लेकिन इस बार कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की वजह से पूरे देश में लॉक डाऊन है। ऐसे परिस्थिति में घर से बाहर निकलना न सिर्फ आपके लिये खतरनाक होगा बल्कि आपके पूरे परिवार को इस गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इस लिये आप सभी भाई हालात की गंभीरता को समझिए और इस बार सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए सब-ऐ-बारात घर पर ही रह कर मनाइए। किसी भी हाल में कब्रिस्तान या दूसरी कोई जगह जाने की कोशिश न कीजिए और कहीं भी भीड़ मत लगाइये। आज हमारा पूरा देश इस कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी से जंग लड़ रहा है जिसमें हम सभी को इस लड़ाई में मिलकर लड़ने का काम करना है और इंसानियत की इस लड़ाई में अपने हिस्से की भागीदारी अवश्य देना है और घर में ही रहना है। देश के सभी इमामो ने पहले ही अपील कर दी है कि कब्रिस्तान नहीं जाना है अपने अपने घरों में ही ईबादत करना है। बीमारी के फैलने की वजह मत बनिये घर को रौशन कीजिये,घर मे ही इबादत कीजिये, और घर में बुजुर्गों को याद कीजिये। इंसानियत के सामने खड़ी इस मुश्किल को कम करने में हिस्सा लीजिए, बहुत जरूरी न हो तो घर से न निकलें और सब-ऐ-बारात में तो कब्रिस्तान की तरफ पैर बढ़ाने की सोचे भी न, रुक जाएँ, आजकल रुकना ही खिदमत है।

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