राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

‘कैरोना का एक रोगी का इलाज मुझे भी कराकर देख लें साहब!’

# दिघवारा राईपट्टी निवासी लाल मोहन भक्त का दावा, आयुर्वैदिक दवाएं महामारी पर विजय में सक्षम

राणा परमार अखिलेश

दिघवारा (सारण)- सुरत ,  सेहत व पोशाक को मत देखें । हकीमी इल्म, सीरत व तर्जुबा पर गौर करें ।जी हाँ !घरेलू नुस्खे जातिगत थी और स्नातक करने के बाद जब रोजगार नहीं मिला तो आयुर्वेदिक पुस्तकों को पढ़ा फिर वनस्पतियों को पहचाना तब प्रयोग किया, लाल मोहन भक्त! यद्यपि आयुर्वेद में न तो शास्त्री हैं और न आचार्य । किंतु दिघवारा सीएचसी में चपदास्थापित आयुष चिकित्सक डाक्टर टीएन पंडित भी वैद्य जी संबोधन के साथ चकित हो गए । स्वाध्याय व अन्वेषण के बाद दवा निर्माण किया और कई क्राॅनिक डिजिज से पीड़ित दिघवारा व आसपास गांवों के लोगों को रोग से मुक्ति दिलायी । विशेषकर अग्नि पीड़ित कई रोगियों के जिस्म पर दाग धब्बे तक नहीं हैं । मलेरिया, सोरायसिस, पेचिश, अतिसार के कई रोगियों निरोग हो चुके। बहरहाल, उन्होंने कैरोना ब्रेक डाउन में वायरस पीड़ित के लिए भी दवा खोज लेने का दावा किया है। कहते हैं एक रोगी का इलाज मुझे करने का मौका दें साहब! औघड़ेश्वर महाप्रभु की कृपा होगी रोगी चंगा हो जाएगा ।

दिघवारा नगर पंचायत के वार्ड संख्या 9 मुहल्ला राईपट्टी निवासी व स्वतंत्रता सेनानी राम लखन भगत के जेष्ठ पुत्र लाल मोहन वैद्य जी कहते है कि जड़ी- बुटी की जानकारी हमें पारिवारिक विरासत में मिली है । वाई एन काॅलेज से बीए करने के बाद जब कोई नौकरी नहीं मिली तो खानदानी नुक्शा अजमाने लगा ,चरक संहिता, शुश्रुत संहिता का हिंदी अनुवाद पढने लगा। वनौषधियों की पहचान के साथ गिलोय सत्व निकावना, पंसारी की दुकान से आंवला, पिपड, मुलैठी, अश्वगंधा ,सोंठ, सतावर, मुसली आदि खरीदने लगा और रोगी का इलाज करने लगा । वैद्य जी के अनुसार आयुर्वेद कफ, पित्त और वायु को रोग का मूल मानता है।वायरस वायु से फैला है और मेरा दावा है कि कैरोना जैसी महामारी पर विजय आयुर्वेदिक उपचार से ही संभव है।बस जिला सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मुझे एक रोगी कैरोना पीड़ित देकर मेरी परीक्षा लें। हमारी औषधियों में कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है । मेरे पास धन भी नहीं है और न कोई डिग्री ही । लेकिन एक मौका मानव व मानवीय सेवा के लिए चाहता हूँ । सरकार एक अवसर प्रदान करें ।

You may have missed