दिघवारा प्रखंड में जारी है जविप्र दुकान संबद्धता एवं असंबद्धता का खेल
- कोरोना काल में दुकानदार ने किया था खड्यां उठाव से इनकार
- बिना कारण प्रेक्षा दुकानदार को पुनः आवंटित किया जन वितरण अधिकार
अनुज प्रतिक की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
दिघवारा (सारण)। दिघवारा स्थानीय प्रखंड में इन दिनों जन वितरण दुकानों को सम्बद्ध करने एवं सम्बद्धता खत्म करने का खेल चल रहा है।इस खेल के कारण उन दुकान से जुड़ कर अनाज उठाव करने वाले उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पर रहा है।वही इस कारण कभी उपभोक्ता को पूर्ववर्ती दुकान तो कभी सम्बद्ध दुकान पर राशन उठाव हेतु पहुँच जा रहे है। ऐसा ही एक मामला नगर पंचायत के वार्ड नम्बर 14 में अवस्थित जविप्र दुकान में सम्बद्धता का मामला प्रकाश में आया है। इस मामलों को लेकर उपलव्ध कागजातों के अनुसार वर्ष 2020 के मई माह में जविप्र विक्रेता के द्वारा डोर स्टेप डिलीवरी के माध्ययम दुकान में पहुचाये गए अनाज को दुकान में रखवाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद अगले दिन उक्त जविप्र दुकान के आवंटन को नजदीकी दुकान में सम्बद्ध कर दिया गया। इसको लेकर अनुमण्डलधिकारी के द्वारा बाजाब्ता आदेश पत्र निर्गत किया गया। वही लगभग जिसे हाल में पुनः आवंटन देते हुए उक्त सम्बद्धता को रद कर दिया गया। इसी सम्बद्धता देने एवं रद करने की सूचना पर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि आखिर क्या कारण रहा कि उक्त विक्रेता द्वारा उस वक्त आवंटन अस्वीकार किया गया था।और अब उस पर अधिकारी मेहरबानी दिखाते हुए उनके दुकान को पुनः नियमित किया गया। सवाल यह उठ रहा है कि अधिकारियों के द्वारा उक्त विक्रेता के इस असिस्ट व्यवहार पर क्या करवाई की गई। क्या इसी तरह आवंटन देने एवं दुकाने सम्बद्धता का खेल जारी रहेगा। वही इस बाबत प्रभारी प्रखण्ड आपूर्ति अधिकारी से जब सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तब उनका नम्बर स्विच ऑफ बताया। बहरहाल अब देखना है कि आखिर इस मामले में उच्चाधिकारी क्या करवाई कर रहे है।


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