राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
गड़खा (सारण)। जिसने इंसान को नहीं समझा वह भगवान को समझेगा। जो जीव को नहीं समझा वह शिव को कैसे समझेगा।जीवात्मा सूर्य हैं। जीव को परमात्मा मिल जाए आनंदित हो जाता है। उक्त बातें संत अद्वैत शांडिल्य जी महाराज ने गड़खा बाजार के हनुमान नगर में आयोजित 27 वें वार्षिक सत्संग सम्मेलन में श्रद्घालु श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने असंभव को संभव बना दें वही भगवान है। कथा जीवन की ब्यथा को दूर कर देती है। आज अपने को जागृत करो क्योंकि तुम बहुत सो लिए।प्रात:काल हनुमान जी नाम जरूर लें? मंच संचालन राजेश उपाध्याय ने किया। कानपुर के मां भगवती जागरण की एक से बढ़कर एक मनोरम झांकी हजारो सुधि श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके पूर्व जागरण का विधिवत उद्घाटन गड़खा सीओ मो इस्माइल, बीजेपी मण्डल अध्यक्ष श्याम सुन्दर प्रसाद व राजेश उपाध्याय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। संत वैराग्यानंद जी महाराज ने कहा कि मूर्ख लोग अन्याय पूर्वक धन संग्रह करते हैं।परमात्मा को खोजने की आवश्यकता नहीं है व तो सर्वत्र विद्यमान हैं।संत विद्याभूषण महाराज ने कहा कि आज का मानव वैज्ञानिक युग में है। विज्ञान ने मानव के जीवन को सुविधाओं से भर दिया है फिर भी मानव भीतर से अशांत है परेशान है व तनाव का शिकार है। कारण यह है कि हमारा मन भोगी बन चुका है। सुश्री प्रिया प्रभाकर ने कहा कि भगवान श्रीराम की कथा मंगलदायनी है। मंगल को करने वाली और अमंगल का नाश करने करने वाली। रामकथा जनमानस में प्रेम, सदभाव, समन्वय, उदारता, मैत्री, शांति और मनुष्य को मनुष्य से जोड़ना सिखाती है। रामायणी मीरा सिन्हा, सर्वानंद महाराज, रामप्रवेश सिंह ने अपने संगीतमय कथा से लोगों को भाव विभोर कर दिया।
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