पटना (बिहार)। नौकरी के लिए विदेश जाने के मामले में फिलहाल बिहार का सीवान जिला पहले नंबर पर है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। पासपोर्ट लेने के मामले में सीवान वाले पूरे बिहार से आगे हैं। यहां तक कि राजधानी पटना को भी उन्होंने पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2019-20 में राज्य में तीन लाख पांच हजार 300 पासपोर्ट जारी किए गए। इनमें सर्वाधिक सीवान के थे। दूसरे और तीसरे नंबर पर पटना और गोपालगंज रहे।
बिहार में उद्योगों की संख्या कम है। 15वें आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार के सीमित अवसरों के कारण राज्य के बहुत सारे श्रमिक बिहार से बाहर प्रवास करते हैं। विदेश जाने वालों के रुझान का आंकलन पासपोर्ट के लिए किए जाने वाले आवेदनों और जारी पासपोर्ट की संख्या के आधार पर किया जा सकता है। वर्ष 2019-20 में पासपोर्ट के लिए दो लाख 89 हजार सात सौ आवेदन प्राप्त हुए थे। जबकि तीन लाख पांच हजार 300 पासपोर्ट जारी किए गए। इसमें कुछ पुराने आवेदन भी शामिल थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें से अधिकतर अकुशल और अर्द्ध कुशल लोग थे, जो रोजगार के लिए खाड़ी देशों को गए।
वर्ष 2019-20 में जारी पासपोर्ट के आंकड़े देखें तो एक तिहाई पासपोर्ट केवल सीवन, पटना और गोपालगंज के लोगों को मिले। इसमें सिवान की हिस्सेदारी 12.3 प्रतिशत और पटना की 11.2 और गोपालगंज की 9.1 फीसदी रही। इसके बाद मुजफ्फरपुर, सारण, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण की हिस्सेदारी करीब पांच-पांच फीसदी रही। पासपोर्ट पाने के मामले में शेखपुरा बिहार में सबसे निचले पायदान पर है। वहां महज 895 पासपोर्ट बने, जबकि शिवहर में 974, अरवल में 1102 और लखीसराय में महज 1196 पासपोर्ट ही वर्ष 2019-20 में जारी हुए।


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