अखिलेश्वर पाण्डेय की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
जलालपुर (सारण)। भोजपुरी भाषा के आगे बढ़ावे के खातिर सभी के आगे बढ़े के पड़ी | तबे भोजपुरी के कल्याण होई, उक्त बातें बिहार विश्वविद्यालय में भोजपुरी के प्रोफेसर डॉ जय कांत सिंह जय ने जलालपुर में कहीं|वे महेंद्र मिश्र की 136 वी जयंती पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे| उन्होंने कहा कि अष्टम अनुसूची में जितनी भाषाएं शामिल है उसमें तमिल को छोड़कर अन्य सात आठ भाषाओं में भोजपुरी सबसे ज्यादा बोली जाती है ,अतः इसको अष्टम अनुसूची में शामिल होना ही चाहिए| उन्होंने कहा कि भोजपुरी विश्वव्यापी भाषा बन गई है| उन्होने कहा कि महेंद्र बाबा ने भोजपुरी को समृद्ध बनाने के लिए कई कालजई रचनाएं दी हैं , वह अद्वितीय है| भोजपुरी मे उनकी ठुमरी पाकिस्तान और बांग्लादेश में आज भी गाई व सुनी जाती है|कार्यक्रम मे प्रो लाल बाबू यादव ,बृज भूषण मिश्र सिद्धार्थ जी ,उदय नारायण सिंह प्रोफेसर राजेश्वर कुंवर ,अखिलेश्वर पांडेय,राम कुमार मिश्र, विवेकानंद तिवारी ,डा सुधा बाला ,कन्हैया सिंह तूफानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए |कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर सुरेश मिश्र ने किया |वहीं अध्यक्षता विश्वनाथ शर्मा ने की धन्यवाद ज्ञापन प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार ने की|
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