कोरोना संकट में किशोर-किशोरियों के पोषण का रखें विशेष ख्याल
• खाने में दें पौष्टिक आहार
•लॉक डाउन के दौरान देखभाल की जरूरत
छपरा (सारण)- कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश मे लॉक डाउन लागू किया गया है। जिसके कारण सभी लोग घरों में है। ऐसे समय किशोर-किशोरियों के खानपान की विशेष देखभाल की जरूरत है। शरीर को निरोग रखने और दिनभर ऊर्जावान बने रहने के लिए सही पोषण की जरूरत भी है. किशोरावस्था में तेजी से शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है जिसके कारण अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत होती है. शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है। इस दौरान संपूर्ण विकास के लिए सही पोषक तत्वों की अहम भूमिका होती है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के कारण लोगों का ध्यान इसकी तरफ़ अधिक है, जो जरुरी भी है. लेकिन ऐसी परिस्थति में किशोर-किशोरियों के पोषण को नजरंदाज नहीं करना चाहिए. अभी किशोरों के आहार में पौष्टिक तत्वों को शामिल करने की अधिक जरूरत है ताकि वे शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर स्वस्थ रह सकें.
किशोरावस्था में कुपोषण से बचाव:
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया किशोरावस्था के दौरान एनीमिया (खून की कमी) एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से किशोर एवं किशोरियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. विशेषकर किशोरियों को अधिक सचेत रहने की जरूरत है. किशोरियों में प्रत्येक माह होने वाले मासिक चक्र के कारण खून की कमी होने का खतरा अधिक रहता है. इसलिए किशोरियों को आयरन युक्त आहार लेने की भी जरूरत है. साथ ही आहार के माध्यम से कैल्शियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति भी जरूरी है. जिसके लिए दाल, हरी सब्जिया, गाज़र, गोभी, दूध, दही,चना, गुड़ तथा मौसमी फल आदि को आहार में जरुर शामिल करना चाहिए.
विटामन भी हैं जरूरी:
बढ़ते बच्चे के आहार में विटामिन्स की अनदेखी नहीं की जा सकती। हर विटामिन अलग तरह के फायदा पहुंचाता है। विटामिन ए के लिए टमाटर,हरी सब्जियां, दूध मुख्य स्त्रोत हैं। विटामिन सी के लिए खट्टे फल खाने लाभकारी हैं, इससे प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। विटामिन ई शरीर को मजबूती प्रदान करने का काम करता है, इस कमी को पूरा करने के लिए बादाम, सूरजमुखी के बीज, पीनट बटर और पपीता का सेवन किया जा सकता है.
मां ऐसे रखें अपने लाडलो का ख्याल:
• किशोर-किशोरी अपने माता-पिता को एक आदर्श के रूप में देखते हैं। इसलिए, जरूरी है कि माता-पिता उन्हें स्वस्थ खान-पान संबंधी जरूरी जानकारी दें और खुद भी उसका पालन करें।
• कोशिश करें कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करें। इससे सकारात्मक रिश्ता कायम होगा।
• जब भी आप अपने बच्चे को अनहेल्दी फूड खाते देखें, तो उन्हें उसके नुकसान के बारे में बताएं।
• आप उन्हें बता सकते हैं कि अगर अच्छा भोजन नहीं किया गया, तो क्या नुकसान हो सकते हैं।
• किशारों को घर में स्वादिष्ट भोजन बनाकर दें।
• अगर वो सामान्य दूध पीना पसंद नहीं करते हैं, तो मिल्क शेक बनाकर दे सकते हैं।
• किशोरों के नाश्ते में, दोपहर के खाने में और डिनर में अलग-अलग प्रकार के फायदेमंद खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
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