- गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य व उचित पोषण की दी गयी जानकारी
- कार्यक्रम के दौरान एनीमिया व डायरिया प्रबंधन पर हुई विस्तृत चर्चा
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
अररिया (बिहार)। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार को गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित कर गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव व इस दौरान बरती जाने वाली विशेष सावधानी व बेहतर खान-पान के महत्व की जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी सभी जरूरी गाइडलाइन का अनुपालन किया गया। पारंपरिक गीतों के माध्यम से कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली सेविकाओं के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी, जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार सहित फल शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। आईसीडीएस डीपीओ सीमा रहमान व सीडीपीओ तनूजा साह भी कई केंद्रों पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शरीक हुई।
स्वस्थ बच्चे के लिये मां का स्वस्थ होना जरूरी:
डीपीओ आईसीडीएस सीमा रहमान ने कार्यक्रम संबंधी जानकारी देते हुए कहा कि गोदभराई का कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव व जच्चा बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। हर महीना निर्धारित तिथि को आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी पौष्टिक आहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, दाल सेवन के महत्व व इसके इस्तेमाल के तरीके बताये जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने नियमित रूप से खाने के लिये प्रेरित किया जाता है।
बेहतर पोषण नवजात के सर्वांगीण विकास के लिये जरूरी:
अररिया प्रखंड के सलायगढ़ वार्ड संख्या सात स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 391 में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए पिरामल स्वास्थ्य की बीटीएम रेणु कुमारी ने बताया कि शिशु के सर्वांगीण विकास के लिये मां का स्वस्थ होना जरूरी है। इसके लिये गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण का ध्यान रखना जरूरी है। ताकि गर्भस्थ शिशु का समुचित विकास हो सके। इसके लिये नियमित रूप से लिये जाने वाले आहार में सभी जरूरी पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नवजात के जन्म एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह बच्चों को कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। छह माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है।
डायरिया व एनीमिया प्रबंधन की दी गयी जानकारी:
आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्र आंगनबाड़ी सेविका व महिला पर्यवेक्षिकाओं के माध्यम से पोषक क्षेत्र की महिलाओं को गर्भवती महिला, किशोरियों व बच्चों में होने वाले एनीमिया के कारण व इससे बचाव से संबंधित जानकारी दी। आशा फेसिलेटर प्रेमलता कुमारी ने गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली खाने की सलाह दी। आंगनबाड़ी सेविका रूपम कुमारी व आशा कार्यकर्ता सिंधू देवी द्वारा महिलाओं को स्वच्छता के महत्व व डायरिया से बचाव की जानकारी दी गयी।


More Stories
अब डिजिटल वार से होगा फाइलेरिया पर प्रहार, 15 हजार से अधिक मरीजों का बनेगा ऑनलाइन डैशबोर्ड
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए अब सरकारी और निजी विद्यालयों के बालिकाओं को लगाया जायेगा एचपीवी वैक्सीन
डेंगू के रोकथाम और जागरूकता के लिए जिले में मनाया जायेगा एंटी डेंगू माह