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सारण के 323 पंचायतों के बैँक खाते में आया 35.53 करोड़, चेक से निकासी पर रोक, फिर भी 50 पंचायतों में निकाली गई राशि, कार्रवाई के जद में पंचायत सचिव

  • पीएफएमएस के माध्यम से योजनाओं के राशि का किया जाना था निकासी, पंचायत सचिव व मुखिया ने चेक से ही निकाल ली राशि
  • कई प्रखंडों के बीडीओ ने नियम के विरूद्ध राशि निकासी किये जाने पर पंचायत सचिव से किया है शोकॉज

अरूण विद्रोही।छपरा

छपरा(सारण)। सबकी योजना सबका विकास यानी जीपीडीपी के तहत पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर टायड एवं अनटायड के अंतर्गत योजनाओं का चयन कर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया गया। ताकि उस योजना के आधार पर सरकार पंचायत एवं प्रखंड के पंचायत समिति स्तर पर राशि आंवटित कर गांव के विकास का कार्य किया जा सके। योजना अपलोड होने के बाद मार्च 2021 से पर्वू सभी पंचायतों में 15 वीं वित्त आयोग अंतर्गत टायड एवं अनटायड के तहत राशि दी गई। जिसके तहत पंचायत सचिव एवं मुखिया ने बैंक से रूपये की निकासी कर योजनाओं को क्रियान्वित किया। इसके बाद जिले के करीब 323 पंचायतों में 15 वित्त आयोग अंतर्गत टायड योजना के तहत दूसरे किस्त की राशि विगत 7 अप्रैल 2021 को करीब 35 करोड़ 53 लाख रूपये बैंक खाते में भेजा गया। राशि भेजने से पूर्व ही पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने पत्र भेज कर पंचायत सचिव एवं मुखिया द्वारा चेक या नेफ्ट के माध्यम से राशि निकासी करने पर रोक लगा दिया। साथ ही निर्देश दिया कि टायड के तहत जो भी राशि पंचायतों में भेजी गई है। उसका निकासी यानी योजना के क्रियान्वयन में आने वाले खर्च का भुगतान पीएफएमएस यानी पब्लिक फाइनेन्सियल मैनेजमेन्ट सिस्टम द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से योजना का जियोटैगिंग करने के बाद भी रूपये की निकासी की जाएगी। लेकिन आश्चर्य की बात है टायड के दूसरे किस्त की राशि के निकासी पर रोक के बाद भी जिले के 50 से अधिक पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव ने धड़ल्ले से चेक के माध्यम से निकासी किया है एवं अन्य वेन्डर के खाते में भी एनईएफटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित कर दिया है। जो पंचायत सचिवों के वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। ऐसे पंचायत सचिवों को चिन्हित करने को लेकर जिला प्रशासन ने कार्य शुरू कर दिया है। जिससे जिले के करीब दर्जनों पंचायत सचिव अब कार्रवाई के जद में आ गये है।

नियम के विरूद्ध राशि की निकासी करने पर बीडीओ ने किया शोकॉज

जिले के 323 पंचायतों में टायड के तहत राशि भेजे जाने के बाद पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने रूपये की निकासी पर रोक लगाते हुए कई दिशा-निर्देश दिये है। और पीएफएमएस के तहत क्रियान्वित योजना के लिए पीएफएमएस के माध्यम से राशि व्यय करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी जिले के करीब 10 से अधिक प्रखंड के 50 से अधिक पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव ने बैंक से राशि निकासी कर अपने मनमुताबिक व्यय कर दिया है। जिसकी जानकारी मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने संबंधित पंचायत सचिव से शोकॉज किया है। जानकारी के अनुसार जिले के बनियापुर, मढ़ौरा, अमनौर, नगरा, मांझी, गड़खा सहित करीब 10 से अधिक प्रखंडों के 50 से अधिक पंचायतों के बैंक खाते से राशि की निकासी की गई है।

वित्तीय अनियमितता को ले पंचायत सचिवों पर हो सकता है एफआईआर

गांव के विकास के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाले राशि का व्यय अब पीएफएमएस के माध्यम से ही की जाएगी। ताकि जो भी कार्य हो रहे है उसका ससमय मॉनिटरिंग किया जा सके और योजनाओं की हेराफेरी पर पाबंदी लगाया जा सके। परंतु आश्चर्य की बात है कि जिले के 323 पंचायत के बैंक खाते में राशि दिये जाने पर नियम के विरूद्ध 50 से अधिक पंचायत सचिव एवं मुखिया ने राशि की निकासी एवं वेन्डर के बैंक खाते पर हस्तांतरित किया गया है। जानकारों की माने तो जहां भी मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा चेक या नेफ्ट से राशि का व्यय किया गया है, वो नियम के विरूद्ध है। जो पुरी तरह से वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। ऐसे में संबंधित पंचायत सचिव पर नियम के विरूद्ध राशि व्यय करने एवं वित्तीय अनियमितता को लेकर एफआईआर भी किया जा सकता है। बहरहाल अब देखना है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाती है। ये बड़ा ही दिलचस्प होगा।

ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर बैंक खाते का रिपोर्ट अपडेट करने के दौरान वित्तीय अनियमितता का हुआ खुलासा

जिले में पीएसएमएस यानी पब्लिक फाइनेन्सियल मैनेजमेन्ट सिस्टम पुरी तरह से लागू करने को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर पंचायत के बैंक खाता का अपडेट प्रतिवेदन के आधार पर ऑनलाइन प्रविष्टी की जा रही है। ताकि योजना के क्रियान्वयन के दौरान पीएफएमएस के माध्यम से राशि व्यय करने के दौरान पंचायत के बैंक खाता की राशि एवं व्यय की गई राशि में अंतर नहीं हो सके। इसी दौरान पंचायत के बैंक खाते में टायड के तहत भेजी गई राशि का अनियमित तरीके से व्यय किये जाने का मामले का खुलासा हुआ है। जिसकी सूचना वरीय पदाधिकारी का दी गई है। वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर जिस पंचायत के बैंक खाते से जब-जब राशि निकासी की गई है वैसे ही पोर्टल पर प्रविष्टी करने का निर्देश दिया गया है। ताकि नियम के विरूद्ध राशि की निकासी करने वाले पंचायत सचिव को चिन्हित कर कार्रवाई किया जा सके।

पीएफएमएस से राशि व्यय करने से पूर्व होगा जियो टैगिंग

गांव के विकास को लेकर जो योजनाएं क्रियान्वित की जाएगी, उसका भुगतान संबंधित वेन्डर को ऑनलाइन बैंक खाते में किया जाएगा। इसके तहत किसी भी सरकारी कर्मी के खाते में रूपये भेजकर योजना के क्रियान्वयन में व्यय नहीं किया जाएगा। जानकारी के अनुसार गांव में किसी भी योजना का कार्य शुरू किया जाता है तो उस पर व्यय की जाने वाली राशि को कार्य कराने वाले एजेन्सी को ही दिया जाएगा। राशि दिये जाने से पूर्व प्रखंड के कर्मियों द्वारा ऑनलाइन जियो टैगिंग किया जाएगा। इसके बाद भी योजना पर व्यय किये गये राशि के अनुपात में पीएफएमएस के माध्यम राशि दी जाएगी। ताकि योजना के हेराफेरी पर लगाम लगाया जा सके।

मुखिया के दबाव में नियम के विरूद्ध हुई है राशि की निकासी

जिले के 50 से अधिक पंचायतों में नियम के विरूद्ध राशि निकासी का मामला प्रकाश में आने के बाद पंचायत सचिवों में हड़कंप मच गया है। सभी पंचायत सचिव अपने-अपने स्तर से बचने के लिए तरकिब अपना रहे है। एक पंचायत सचिव ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि पंचायत के 15 वीं वित्त आयोग का बैंक खाता मुखिया एवं पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से खुला है और रूपये की निकासी भी मुखिया एवं पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ही होता है। उन्होंने कहा कि 15 वीं वित्त आयोग अंतर्गत टायड के दूसरे किस्त की राशि 7 अप्रैल 2021 को बैंक खाते में आया। जिसकी जानकारी मुखिया को हो गई। इस पर मुखिया द्वारा जबरन दबाव बनाकर अपने मनमुताबिक योजना का कार्य कराने के लिए रूपये की निकासी एवं कार्य एजेन्सी के बैंक खाता में नेफ्ट में माध्यम से हस्तांतरित करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि मुखिया राजनीतिक पद है और वे दबंग एवं रसूकदार होते है। अगर उनके कहे अनुसार काम नहीं करने पर अभद्र व्यवहार भी करते है। इसलिए पंचायत सचिव दबाव में आकर रूपये निकासी करने के लिए राजी हो जाते है। इसके बाद पंचायत सचिव पर वित्तीय अनियमितता का मामला चलने लगता है।