पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
मशरक (सारण)। मशरक प्रखंड क्षेत्र के चरिहारा गांव अवस्थित राम जानकी मंदिर में जगत जननी मां जानकी के जन्मोत्सव पर विशेष पूजा-अर्चना की गई जिसमें देर शाम मंदिर परिसर को दीप प्रज्वलित कर सजाया गया।वही उपस्थित महिला भक्त श्रृद्धालुओं ने कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए विशेष आराधना की गई। वैशाख मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इस तिथि को सीता नवमी या जानकी नवमी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में सीता नवमी का उतना ही महत्व है जितना कि राम नवमी का। सीता नवमी के दिन चरिहारा राम जानकी मंदिर में माता सीता की विशेष पूजा-अर्चना की गई।ऐसी मान्यता है कि आज के दिन माता सीता की पूजा करने से जीवन की सभी कठिनाईयां दूर होती हैं।पंडित बबन तिवारी के अनुसार, इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद घर के मंदिर की सफाई करें। देवी और देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें। सीताजी का ध्यान करें। यदि व्रत रख सकें तो उत्तम अन्यथा केवल पूजा ही संपन्न करें। मां सीता और श्रीरामचंद्र, हनुमान सहित रामपरिवार की उपासना करें। श्रीराम और मां सीताजी को सात्विक वस्तुए व नैवेद्य अर्पण करें। यदि पुत्र प्राप्ति की आकांक्षा हो तो सीता स्त्रोत्र का पाठ भी करें। मान्यता है कि माता सीता के पूजा-पाठ से अपनी माता के रोगों और पारिवारिक कलह क्लेश को दूर किया जा सकता है. देवी सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत और पूजा करने से कई गुणा फल प्राप्त होता है। जो लोग आज के दिन व्रत रखते हैं उन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।


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