राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

क्या होता है ‘पोस्टपार्टम डिप्रेशन’, किस तरह इस बीमारी से बाहर आने में मिलेगी मदद?

राष्ट्रनायक न्यूज। ‘‘पोस्टपार्टम डिप्रेशन’’ इस शब्द से भारत में अभी कुछ ही लोग परिचित है लेकिन इस गंभीर समस्या से अधिकतर लोग गुजरे हैं और गुजरते हैं। अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार डिलीवरी के बाद चार में से एक महिला को पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो जाता है, इसे पोस्ट डिलीवरी स्ट्रेस भी कहा जाता है। घर में नए मेहमान के आने से क्या सिर्फ महिलाएं ही पोस्टपार्टम डिप्रशन की शिकार होती हैं ये एक बड़ा सवाल? क्या पुरुष भी पोस्टपार्टम डिप्रशन के शिकार हो सकते हैं? दरअसल, नए मेहमान के आने से सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी पोस्टपार्टम डिप्रशन के शिकार हो सकते हैं। ऐसे बेहद कम पुरुष हैं जिन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं कि उन्हें पोस्टपार्टम डिप्रशन हो गया है हो सकता है। कुछ लोगों के लिए अपने पर्सनल और वर्क लाइफ को बैलेंस करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में माता-पिता दोनों के लिए नए मेहमान की जिम्मेदारी तनाव का कारण बन सकती है। आज हम आपको पुरुषों में होने वाले पोस्टपार्टम डिप्रेशन का कारण, लक्षण और इलाज बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं।

पिता बनने पर हो सकता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन: पिता बनना हर पुरुष के लिए एक गर्व की बात है और हर किसी का ये ख्वाब भी होता है, लेकिन सबका अनुभव एक जैसा हो कहा नहीं जा सकता है। डिलीवरी के बाद सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी नए मेहमान के आने से तनाव, चिड़चिड़ाहट और गुस्से के शिकार होते हैं जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है। शोधकतार्ओं ने बताया कि माता-पिता दोनों तनाव के शिकार हो सकते हैं। पुरुष का मन भी कई बार रोने का कर सकता है या फिर आत्महत्या करने का भी विचार आ सकता है।

क्या है पुरूषों में पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण: कुछ शोध के मुताबिक हार्मोनल चेज के कारण भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है। बता दें कि सिर्फ महिलाओं में ही नहीं हार्मोनल चेंज होते हैं बल्कि पिता में भी इसका बदलाव होता है। हालांकि, इसका अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है। वहीं, अगर साइकोलॉजी डॉक्टर्स की मानें तो शिशु के आने से उसका संभालना, उसका खर्चा आदि जिम्मेदारियों का बढ़ना पिता पर पड़ता है। जिसके कारण भी वो पोस्टपार्टम डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण

  • उदासी महसूस होना
  • चिड़चिड़ापन होना
  • अकेले रहना पसंद आना
  • बार-बार रोने का मन करना
  • ज्यादा तनाव होना
  • वजन का बढ़ना या कम होना
  • पार्टनर से दूरी होना
  • लाइफ खत्म हो गई है ऐसा महसूस होना
  • आत्महत्या का मन करना

पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज: अपनी फीलिंग को छुपाने से बेहतर है कि आप उसका इलाज ढूंढ़े। अधिकतर लोग मन ही मन परेशान रहते हें जिसे साइकोलॉजिकल समस्या कहा जाता है। इस तरह की समस्या को वो हल्के में ले लेते हैं। हालांकि, इसे नजरअंदाज करना बाद में आपके लिए कितनी बड़ी मुसीबत ला सकता है इसका आपको अंदाजा भी नहीं होगा। मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने से आपके शरीर के साथ आपके लाइफस्टाइल पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। आइए आपको पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज बताते हैं।

  1. लोगों से सलाह लें: अगर आप पहली बार पिता बने हैं तो आपके पास किसी तरह इसका कोई अनुभन नहीं होगा। इसलिए ऐसे लोगों से सलाह करें जो पहले पिता बन चुके हैं। वो आपको कुछ अच्छी सलाह दे सकेंगे। जरूरी नहीं कि आप पिता बनने के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन के शिकार हो जाएंगे या हो गए हों लेकिन अगर आप किसी अनुभवी से बात कर लेंगे तो आपका मन हल्का हो जाएगा।
  2. अपने पार्टनर या दोस्त से बात करें: लाइफ में कोई भी परेशानी क्यों न हो अगर उसका हल हम खुद नहीं निकालेंगे तो कोई चाहकर भी हमारी मदद नहीं कर सकता है। अगर आप किसी बात को लेकर परेशान है तो अपने किसी दोस्त या अपनी पत्नी से बात करें। हो सके तो पहले अपने पार्टनर से ही बात करें क्या पता जो आप पर बीत रही हो वो ही आपकी पत्नी भी फील कर रही हो। इससे आप दोनों का तनाव कम हो सकता है।
  3. पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखें: पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने के लिए बेहतर होगा कि आप अपने पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखें। तनाव मुक्त रहने के लिए दोनों को बैलेंस करना बेहद जरूरी है। बच्चे के आने से सिर्फ एक सदस्य ही नहीं बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। इसलिए अपने पार्टनर के साथ मिलकर काम का बटवारा करें, इससे आपका रिश्ता भी मजबूत बना रहेगा और दोनों ही तनाव से दूर रहोगे।
  4. योग या मेडिटेशन की मदद लें: स्ट्रेसफुल रहने के लिए योग या मेडिटेशन दोनों को ही एक अच्छा विकल्प माना जाता है। रोजाना सुबह और शाम कुछ देर का समय निकालकर मेडिटेशन करें। इससे आपके दिमाग को आराम मिलेगा और आप खुश महसूस करेंगे। सिर्फ आंधा घंटा अपनी आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और छोड़ें। इस तरह से 30 मिनट तक रोजाना करने पर आपको अच्छा महसूस होगा।
  5. डाइट को करें बैलेंस: अक्सर ऐसा देखा गया है कि तनाव में व्यक्ति ज्यादा खाना खा लेता है या तो वो कुछ खाता ही नहीं। इस तरह की आदत सेहत के लिए बेहद खराब साबित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप इस दौरान अपनी डाइट का ख्याल रखें। हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें। इसके अलावा विटामिन और मिनरल का भी ख्याल रखें। अच्छी नींद लेने के लिए अपने पार्टनर से बात करें और बारी-बारी बच्चे को संभालें जिससे दोनों की नींद पूरी हो सके।
  6. हद से ज्यादा तनाव होने पर डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आप पिता बनने के बाद ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। तनाव से आपका मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

सिमरन सिंह

You may have missed