राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा(सारण)। जिले के अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत 173 पीड़ितों परिवारों के बीच मुआबजा राशि एवं पेंशन का भुगतान किया जाएगा। इसको लेकर प्रशासन के कवायद शुरू कर दी है। सभी पीड़ित परिवारों के बैंक खाता में मुआवजा राशि दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार आगामी 5 जुलाई को समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी नीलेश रामचन्द्र देवरे द्वारा सभी पीड़ित परिवारों के बीच मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा। इसको लेकर सभी पीड़ित परिवारों को संबंधित विकास मित्र के माध्यम से समाहरणालय सभागार में बुलाया गया है। इस दौरान जिलाधिकारी सभी पीड़ित परिवारों में सामाजिक जागरूकता को लेकर संबोधित भी करेंगे। सरकार एवं प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं एवं कानून का लाभ प्राप्त करें ताकि सामाजिक समरसता आ सकता है। जानकारों का कहना है कि अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय पर अत्याचार एवं जातीय भेदभाव करने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई तो किया जा रहा है, फिर भी ऐसे अत्याचार एवं जातीय भेदभाव में अभी तक कमी नहीं आयी है। जिला प्रशासन एससी-एसटी अत्याचार के शिकार लोगों को मुआवजा एवं पेंशन राशि के वितरण की कवायत तो शुरू कर दी है। परंतु आश्चर्य की बात है कि ऐसे अत्याचार का उन्मूलन करने को लेकर जनजागरूकता अभियान एवं व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं कर रहे है। जिससे अनुसूचित जाति-जन जाति समुदाय के लोगों पर अत्याचार में वृद्धि हुई है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले के विभिन्न थानों के अंतर्गत अत्याचार के शिकार करीब 173 पीड़ितों एवं 8 अपनी जान गवाने वाले पीड़ित परिजनों का पेंशन राशि देने की कवायद शुरू की गई है। कई ऐसे पीड़ित है, जिनके साथ रेप, छेड़खानी की भी घटनाएं हुई है। जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी नीलेश रामचन्द्र देवरे ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचर निवारण अधिनियम के तहत शोषण के शिकार लोगों को मुआवजा राशि एवं अपनी जान गवाने वाले पीड़ितों को पेंशन राशि भुगतान करने को लेकर बैठक कर राशि वितरण करने का निर्णय लिया है।
173 पीड़ितो के बीच वितरण किया जाएगा 1.19 करोड़ रूपये
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिले करीब 173 पीड़ितों के बीच मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा। 3 पीड़ित के बीच 18 हजार 750 रूपये, 15 पीड़ित के बीच 15 हजार की दर से दो लाख 25 हजार, 22 हजार 500 की दर से नौ परिवार को, 69 पीड़ितों के 25-25 हजार, 34 पीड़ितों के बीच 50-50 हजार रूपये, 10 पीड़ितों को 75-75 हजार, 12 पीड़ितों को 1-1 लाख, 1.5 लाख की दर से चार पीड़ितों को और 8 पीड़ितों के बीच करीब 4 लाख 12 हजार 500 रूपये की दर से मुआवजा राशि दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति-जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मारपीट, चाकू, अग्नेयास्त्र से जख्मी एवं जातिय भेदभाव से पीड़ित लोगों को कोर्ट से दोषी करार दिये जाने पर एक लाख रूपये देने का प्रावधान है। जबकि मुकदमा दर्ज होने के बाद अनुसंधान के क्रम में पुलिस द्वारा कोर्ट में चार्ज सीट दाखिल किये जाने पर मुआवजा राशि का 25 फीसद राशि पीड़ित को दी जाती है। ताकि जातीय भेदभाव करने वाले के विरूद्ध लड़ने वाले पीड़ितों को सहुलियत हो सके।
अत्याचार में मृत के परिजनों को दिया जाएगा 8 लाख मुआवजा
अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लोग अत्याचार से मृत होने की स्थिति में उनके परिजनों को आठ लाख रूपये मुआवजा देने का प्रावधान है। जिसके तहत जिले में अत्याचार से पीडित अनुसूचित जाति समुदाय के 8 पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा। जिसके तहत प्रथम की किस्त की राशि के रूप में चार-चार लाख रूपये दिया जाएगा। इसके बाद दूसरे किस्त की राशि वितरण के दौरान शेष बचे राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
छेड़खानी से पीड़ित 27 दलित महिलाओं को मिलेगा मुआवजा
जातीय भेदभाव के साथ-साथ साथ छेड़खानी या दुष्कर्म से पीड़ित अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के महिलाओं के महिलाओं को भी मुआवजा राशि दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिले विभिन्न थाना क्षेत्रों में जातीय भेदभाव के साथ-साथ साथ छेड़खानी या दुष्कर्म से पीड़ित के करीब 27 दलित महिलाओं को भी मुआवजा राशि दिया जाएगा। ताकि उन्हें समाज में सबल बनाया जा सके।
मुआवजा राशि दिलवाने के नाम पर बिचौलिया पीड़ितों सें कर रहे है वसूली
जिले में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दिये जाने वाले मुआवजा राशि दिलवाने के नाम पर बिचौलियों द्वारा अवैध तरीके से राशि की उगाही कर रहे है। वहीं जानकारों की माने तो सिविल कोर्ट के कई अधिवक्ता भी पीड़ितों को मुआवजा राशि दिलवाने के नाम पर राशि का डिमांड कर रहे है। नाम नहीं छापने के शर्त पर एक पीड़ित ने बताया कि एक अधिवक्ता ने मुआवजा राशि दिलवाने के नाम पर 25 हजार रूपये मांग रहे है। राशि नहीं देने में पर केस कमजोर करने की धमकी भी दे रहे है। जिससे पीड़ित में भय व्याप्त हो गया है। वहीं बिचौलियों ने भी अपने-अपने स्तर से पीड़ितों से संपर्क कर भ्रमित कर अवैध तरीके से राशि की उगाही कर रहे है।
एसीसी-एसटी पीड़ित को मुआवजा एवं पेंशन देने का क्या है नियम
अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लोगों पर अन्य समुदाय के लोगों द्वारा सार्वजनिक स्थलों या सड़क के किनारे तथा अन्य जगहों पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित करना, भेदभाव करना, मारपीट करने पर संबंधित थाने में शिकायत करने पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। वहीं अगर किसी अन्य समुदाय के लोगों द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लोगों पर जातीय भेदभाव कर मारपीट करते हुए हत्या कर देने पर स्थानीय थाना पुलिस कार्रवाई करती है। जिसका अनुशंधान करते हुए पुलिस कोर्ट में आरोप पत्र एवं केस डायरी जमा करती है। जिसकी एक प्रति पुलिस अधीक्षक को दी जाती है। ऐसे मामलों में हत्या के शिकार पीड़ित परिजनों को पेंशन एवं जातीय भेदभाव से पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए जिलाधकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को प्रतिवेदित किया जाता है। जिस पर जिलाधिकारी अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण समिति का बैठक कर पीड़ितों को मुआवजा एवं पेंशन देने के लिए आवश्यक निर्देश देते है। जिस पर पीड़ितों को पेंशन एवं मुआवजा दी जाती है।
इन थाना क्षेत्र के पीड़ितों को दिया जाएगा मुआवजा राशि
जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र के अनुसूचित जाति समुदाय के जातीय भेदभाव के शिकार करीब 173 लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिले के जलालपुर, नगर थाना छपरा, अकिलपुर, मकेर में एक-एक, डोरीगंज, दरियापुर, डेरनी, अमनौर, नयांगांव, दाउदपुर में दो-दो, रसूलपुर में तीन, इसुआपुर में चार, अवतार नगर, परसा, एकमा, सोनपुर में पांच-पांच, भेल्दी, पानापुर में 6-6 बनियापुर में सात, भगवान बाजार, दिघवारा, छपरा मुफ्फसिल, मशरक में 8-8, कोपा, जनता बाजार में 9-9, रिविलगंज, मांझी में 11-11, तरैया, मढ़ौरा में 12-12 और गड़खा में 13 पीड़ितों के बीच मुआवजा राशि दिया जाएगा।
डीडब्लूओ की अपील- बिचौलियों से झांसे में नहीं आये पीड़ित परिवार
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुआवजा राशि वितरण की सूचना मिलने के बाद बिचौलिये एक्टीव हो गये है। इसको लेकर डीडब्लूओ कौशल किशोर पासवान ने अपील किया है कि कोई भी पीड़ित परिवार बिचौलियों के झांसे में नहीं आये। अगर कोइ् मुआवजा राशि दिलवाने का झांसा देकर रूपये की मांग कर रहे है तो स्थानीय थाना के पुलिस को सूचना दें। और सक्षम प्राधिकार के समक्ष शिकायत भी दर्ज करावें।
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