पटना: कोरोना काल में निवेश प्रस्ताव हासिल करने में बिहार देश में सबसे आगे रहा है। बीते छह महीने में बिहार को 34 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, इनमें से 19304 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एसआईपीबी) स्टेज-1 क्लियरेंस भी दे चुका है। खास बात यह है कि 28 से 30 जून के बीच सिर्फ तीन दिन में बिहार को 15145 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। जल्द होने वाली एसआईपीबी की अगली बैठक में 15 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
उद्योग के क्षेत्र में इन दिनों राज्य में खासी हलचल है। तमाम निवेशक बिहार का रुख कर रहे हैं, सो औद्योगिकीकरण को लेकर उम्मीद जगी है। बीते तीन-चार महीने में तो नए निवेश प्रस्तावों में खासी तेजी आई है। एसआईपीबी से स्टेज-1 की स्वीकृति पाने वाले निवेश प्रस्तावों की संख्या और धनराशि इसकी पुष्टि करती है। एसआईपीबी की एक जुलाई को संपन्न 30वीं बैठक में 12744.59 करोड़ के प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई थी।
इसमें नई इथेनॉल नीति का बड़ा योगदान है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार को मिले 34499 करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से करीब 30 हजार करोड़ केवल इथेनॉल क्षेत्र से जुड़े हैं। नई इथेनॉल नीति के तहत आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून थी। अंतिम तीन दिनों में उद्योग विभाग को 87 निवेश प्रस्ताव मिले, जिसमें 15145 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। उनमें से 79 सिर्फ इथेनॉल से जुड़े थे, जिसमें संभावित निवेश 14922 करोड़ से अधिक है। एसआईपीबी की 31वीं बैठक में इन प्रस्तावों को भी स्टेज-1 क्लियरेंस मिल जाएगी। जानकारों की मानें तो बीते तीन माह में बिहार को देश में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उद्योग विभाग को अब तक मिले प्रस्तावों को देखें तो राज्य के पांच जिले ऐसे हैं जहां 2000 करोड़ के करीब या उससे अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पटना, मधुबनी और पूर्णिया शामिल हैं। विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो करीब 10 जिलों में एक हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।


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