राष्ट्रनायक न्यूज। बात मुगल काल की है। एक बार जंगल की लकड़ी काट कर वापिस आते एक लकड़हारे ने देखा कि चार जवान लम्बे-चौड़े और मूंछें 11 बजकर पांच मिनट स्टाइल से उठी हुईं, अरबी घोड़ों पर सवार होकर जा रहे थे। लकड़हारे ने झुक कर सलाम किया, वहां उनसे कुछ पूछना चाहता था कि इस रास्ते से होकर कहां जा रहे हो, परन्तु डर कर कुछ पूछ न सका। हिम्मत न पड़ी। अचानक उसने देखा कि एक मरियल से गधे पर सवार होकर उसी स्टाइल में मूंछें रखे एक अधमरा सा दिखाई देने वाला भी उसी रास्ते से आ रहा है। हिम्मत जुटा कर लकड़हारे ने पूछा-हुजूर आप जंगल के रास्ते से किधर तशरीफ लेकर जा रहे हैं। उस व्यक्ति ने कहा हम पांचों शाही सवार शहंशाह के निमंत्रण पर दिल्ली जा रहे हैं। वह पांचवां भी स्वयं को शाही सवार बता रहा था। यह सुनकर लकड़हारा जोर से हंसा और इससे पहले कि वह शाही सवार उससे कुछ कहता लकड़हारा वहां से खिसक गया।
कूटनीति बड़ी अजीब शै है, राजनीति अलग शै है। कुछ गधों पर सवार अपने आपको शहसवार समझने लगे हैं। ऐसे ही शहसवार हमारे पड़ोस के मुल्क में हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की कूटनीति को जो आयाम दिया वो कोई नया नहीं है। कूटनीति का यह एक ऐसा पक्ष है जो पहले भी कई बार देखा गया और सुना गया। एक ग्रीक दार्शनिक का मत है कि ‘‘कूटनीति देशभक्तिपूर्ण झूठ बोलने की सबसे बड़ी कला है।’’ पाकिस्तानी हुक्मरान नि:संदेह इस कला में बड़े माहिर हैं। पाकिस्तान ने एक बार फिर झूठ बोला है। कुख्यात आतंकी सरगना और 2008 के मुम्बई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद के घर के बाहर 23 जून को एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ था। पाकिस्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर सीधा आरोप लगाया कि इस हमले में भारत की खुफिया एजैंसी ‘रॉ’ का हाथ है और बम धमाके का मुख्य मास्टरमाइंड ‘रॉ’ से सम्बन्धित एक भारतीय नागरिक है और भारत में है। पूरी दुनिया जानती है कि हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डालर का इनाम रखा हुआ है। वह आतंकवाद के वित्त पोषण के पांच मामलों में सजा काट रहा है। सईद के नेतृत्व वाला जमात उद दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। ऐसे शख्स को बहुत पहले ही सजा मिला जानी चाहिए थी। फिर पाकिस्तान को उसकी चिंता क्यों सताने लगी। पाकिस्तान इस समय बहुत दबाव में है। लाख कोशिशों के बावजूद इमरान खान पाकिस्तान को एफएफटीए की ग्रे सूची से बाहर नहीं निकाल पाए। उन पर आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का दबाव है। लेकिन इमरान खान नए-नए हथकंडे अपना कर पाकिस्तान के अवाम के सामने खुद को भारत का दुश्मन नम्बर एक की छवि गढ़ना चाहते हैं।
भारत के विरुद्ध दुष्प्रचार कोई नया नहीं है। पहले वह आरोप लगाता रहा है कि भारत ब्लूचिस्तान के मामले में हस्तक्षेप कर रहा है। उसने पहले भी यह झूठ खूब फैलाया था कि भारत ब्लूचिस्तान की हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। उसने ब्लूूचिस्तान से निर्दोष भारतीय कुुलभूषण यादव को गिरफ्तार कर यह ढोंग रचा कि ब्लूचिस्तान के हमलों में भारत का हाथ है। यद्यपि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा है कि हाफिज के घर के बाहर हुए धमाके से भारत का कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्तान की आदत है भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना और वो ये कर रहा है। पाकिस्तान का दावा कल्पना की उपज है। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय उसके हथकंडों से अवगत है। सारी दुनिया में पाकिस्तान के दावों की कोई विश्वसनीयता नहीं। सब जानते हैं कि इमरान खान मरियल घोड़े (पाकिस्तान) पर सवार हैं। पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि गधे चीन को बेचकर वह धन इकट्ठा कर रहा है। दरअसल पाकिस्तान की सत्ता और उसके प्रतिष्ठान आतंकवाद प्रायोजित करते हैं।
‘‘तुमने बोये थे खेतों में इंसानों के सर
अब जमीन खून उगलती है तो रंज क्यों है।’’
आतंकवाद के चलते ही पाकिस्तान में गरीबी है, बेरोजगारी और अशिक्षा है, जबकि अन्य मुस्लिम देशों ने काफी विकास किया है। जिस मुल्क में गरीबी खत्म करने का एक ही तरीका है, वह है अल्युमीनियम का पुराना कटोरा जिसे उसने अब चीन के सामने रख दिया है। दरअसल पाकिस्तान के हुकमरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बहुत हताश हैं। ड्रोन हमले और आतंकी वारदातें इसी हताशा का परिणाम है। जम्मू-कश्मीर में उसके द्वारा भेजे गए आतंकी मारे जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में सुरक्षा बलों ने दो पाकिस्तानी आतंकियों समेत 8 आतंकी मार गिराए हैं। भारतीय जवान भी अपनी शहादतें देकर जम्मू-कश्मीर की रक्षा कर रहे हैं। सुरक्षा बलों का आप्रेशन आल आउट जोर-शोर से चल रहा है। पाकिस्तान के शहसवार जितनी नौटंकी कर लें भारत का एक प्रहार ही उसे खंडित कर देगा।
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