राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

तुर्की को तालिबान की चेतावनी, कहा- अफगानिस्तान को छोड़ दे नहीं तो होगा बुरा अंजाम!

नई दिल्ली, (एजेंसी)। अफगान के आधे से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान ने तुर्की को धमकी देते हुए कहा है कि नाटो सदस्य होने के नाते वह अफगानिस्तान को पूरी तरह से छोड़ दे। इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एदोर्गान को झटका देते हुए यह भी कहा है कि वह काबुल हवाई अड्डे की रक्षा कर रहे अपने सैनिकों को हटा दे। बता दें कि गैर-लड़ाकू नाटो मिशन के हिस्से के रूप में तुर्की के पास अफगानिस्तान में 500 से अधिक सैनिक हैं, कुछ सैनिक सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देते हैं और अन्य हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात हैं।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि, तुर्की पिछले 20 सालों से नाटो के साथ अफगानिस्तान में है, और अगर वह अब भी रहना चाहता है, तो बिना किसी संदेह के, हम इसे एक कब्जा करने जैसा मानेंगे और इसके खिलाफ बड़ी कारवाई करेगी। जानकारी के लिए बता दें कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के भविष्य पर चर्चा करने के तुर्की और अमेरिका की नाटो के साथ बैठक हुई थी। सैन्य और नागरिक उड़ानों और अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों और राजनयिकों के सुरक्षित मार्ग के लिए हवाई अड्डे की सुरक्षा महत्वपूर्ण बहुत जरूरी है औग अगर तुर्की अपने सैनिकों को हवाई अड्डे से हटा देती है तो इससे आम नागिरक और राजनयिकों को काफी खतरा हो सकता है।

तालिबान के साथ लगभग 16 महीने तक चली गुप्त वार्ता के बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तहत पूर्व अमेरिकी प्रशासन ने फरवरी 2020 में विद्रोही समूह के साथ एक समझौते पर सहमति व्यक्त की, जिसमें अफगानिस्तान में लगभग 20 सालों के कब्जे के बाद 1 मई तक सभी सैनिकों को बाहर निकालना था। हालांकि, जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका में हुए 9/11 हमलों की 20 वीं वर्षगांठ तक सैनिकों को वापस लेने की कसम खाई है।