नई दिल्ली, (एजेंसी)। 14 जुलाई 2019 को वर्ल्ड कप का फाइनल मैच इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था। टॉस जीतकर कीवी कप्तान केन विलियम्सन ने पहले बल्लेबाजी चुनी। तब किसी को ये पता भी नहीं था कि ये वर्ल्ड कप फाइनल अब तक के इतिहास का सबसे रोमांचक फाइनल होगा। न्यूजीलैंड ने हेनरी निकोल्स के 55 रन और टॉम लेथम के 47 रनों की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की पारी तब लड़खड़ा गई जब 96 रन तक उसके टॉप चार बल्लेबाज पवेलियन में थे। मगर विकेटकीपर जॉस बटलर के साथ मिलकर आॅलराउंडर बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड को एक बार फिर मैच में वापस ला दिया।
बटलर के आउट होने के बाद दूसरे छोर से स्टोक्स को किसी का साथ नहीं मिला। उन्होंने 84 रन की पारी खेली। जैसे ही आखिरी गेंद पर मार्क वुड रन आउट हुए, वर्ल्ड कप इतिहास का पहला फाइनल टाई हो गया और सुपर ओवर में चला गया। क्रिकेट का रोमांच चरम पर था और सुपर ओवर में भी दोनों टीमों से 15 रन ही बनाए। इंग्लैंड ज्यादा बाउंड्री लगाने के कारण विजेता बन गया। बेन स्टोक्स को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए ‘मैन आॅफ द मैच’ मिला।
आज उस जीत के 2 साल पूरे हो गए हैं। आईसीसी ने इस मौके पर 3:08 मिनट का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें इंग्लैंड की जीत की कहानी है। इंग्लैंड ने इससे पहले कभी भी आईसीसी वर्ल्ड कप पर कब्जा नहीं किया था, लेकिन इस बार इयोन मॉर्गन की इंग्लैंड के मंसूबे कुछ और ही थे। इस वीडियो में इंग्लैंड की पिछली सभी वर्ल्ड कप की हार की झलकियां भी नजर आती हैं। इससे पहले इंग्लैंड 1979, 1987, 1992 के वर्ल्ड कप में फाइनल तक का सफर तय किया था। 1975 और 1983 में सेमीफाइनल, 1996 और 2011 में क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया था।
इस मैच के बाद आईसीसी के ज्यादा बाउंड्री के आधार पर विजेता घोषित करने के नियम की कड़ी आलोचना की गई। मगर केन विलियम्सन ने इस हार को एक मुस्कान के साथ स्वीकार कर लिया। वो मुस्कान जो क्रिकेट जगत में आज भी हर क्रिकेट फैन के जहन में ताजा है। इस विवाद के बाद आईसीसी ने उस नियम में बदलाव किया। नए नियमों के अनुसार मैच टाई होने पर सुपर ओवर, तब तक होता रहेगा जब तक उसका कोई नतीजा ना आ जाए।


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