राष्ट्रनायक न्यूज

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साउथ अफ्रीका के ये बॉडी बिल्डर हैं हनुमान भक्त, शिव की भक्ति में भी नहीं हैं पीछे

राष्ट्रनायक न्यूज।
सनातन धर्म के मानने वालों के लिए उनके देवी देवताओं के महत्व को शब्दों में समेटना संभव नहीं। इसके भावनात्मक पहलू भी हैं और वैज्ञानिक पहलू भी। मनोविज्ञान की दृष्टि से सनातन परंपरा सबसे वैज्ञानिक है क्योंकि ये शांति का मार्ग है। शांति ही वो दुर्लभ वस्तु है जो आज के दौर में नहीं मिल पाती। यही वजह है कि सैंकड़ों की तादाद में आपने विदेशी सेलीब्रिटीज को हिंदू धर्म का पाल करते देखा होगा। हिंदू धर्म को किसी अन्य धर्म की तरह अपनाने के लिए कोई औपचारिकताएं नहीं होती। ये एक जीवन पध्दति है और जो इस जीवन पध्दति को अपनाता है वो सनातन धर्म का मानने वाला कहा जाता है। आपने बाबा नीम करोली और कई अन्य अध्यात्मिक गुरुओं के जाने-माने विदेशी शिष्यों के बारे में सुना होगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे हनुमान भक्त से जिसके जीवन में सनातन धर्म का गहरा असर दिखता है।

जॉन लुकास हैं हनुमान जी के दीवाने: भारत में अखाड़ों और जिम में आम तौर पर हनुमान जी की प्रतिमाएं और तस्वीरें मिलती हैं। शक्ति के स्वरूप हनुमान जी अतुलित बल के स्वामी हैं। जॉन लुकस एक साउथ अफ्रीकी बॉडी बिल्डर हैं। वे दुनिया के नामचीन सेलीब्रिटी एथलीट्स में गिने जाते हैं। उनकी एक पहचान हनुमान भक्त की भी हैं। जॉन कहते हैं कि हॉलीवुड के जितने भी सुपर हीरोज हैं वो हनुमान जी से ही प्रेरित हैं। सुपरमैन की उड़ने की शक्ति या असीमित ताकत भी हनुमान जी से ही प्रेरित किरदार है। ये बात सच है कि ज्ञात शास्त्रों में राम भक्त हनुमान जी अष्ट सिध्दियों के स्वामी हैं। किसी भी सुपर हीरो की कल्पना से परे उनकी शक्तियां हैं। जॉन पर भारतीय संस्कृति का जबरदस्त असर देखने को मिलता है।

भगवान शिव के भी हैं भक्त: जॉन रुद्रवतार हनुमान जी के साथ-साथ भगवान शिव की भी उपासना करते हैं। यहां तक की उन्होंने भगवान शिव के रौद्र रूप को अपने शरीर पर टैटू भी करवा रखा है। भारतीय संस्कृति के प्रति उनका रुझान उन्होंने भारत में खासी लोकप्रियता भी दिलवाता है यही वजह है कि वो गणेश चतुर्थी, दीवाली और अन्य त्योहारों पर अपने फैन्स को भारतीय अंदाज में बधाईयां भी देते हैं। वे ये भी कहते हैं कि भारत को लेकर उनका प्रेम कभी कम नहीं होगा।

जॉन ऐसे पहले व्यक्ति नहीं हैं जो सनातन संस्कृति से प्रभावित हुए हैं। स्वामी विवेकानंद जब अमेरिका की यात्रा पर थे तो पूरे अमेरिका में उनकी जबरदस्त फैन फॉलोईंग हो गई थी। इसकी मुख्य वजह थी स्वामी जी के सनातन धर्म को लेकर दिए भाषण। सनातन एक जीवन पध्दति है जो इंसान को उच्चतम स्तर तक पहुंचाती है। यही वजह है कि अवसाद की चपेट में आ रहे पाश्चात्य जगत को हमेशा से सनातन धर्म आकर्षित करता है। जुलिया रॉबर्ट्स और रॉबर्ट डौनी जूनियर जैसे सितारों के भी हिंदू धर्म को अपनाने की खबरों के बारे में सुना होगा।

हिंदू धर्म को अपनाने की कोई धार्मिक औपचारिकताएं नहीं होती हैं। यदि आप सनातन संस्कृति को मानते हैं, ईश्वर में असीम विश्वास रखते हैं, वसुधैव कुटुंबकम को मानते हैं तो आप हिंदू हैं। निश्चित तौर पर कर्मकांडों का भी अपना महत्व होता है। सनातन संस्कृति से जुड़े कर्मकांड वैज्ञानिक आधारों पर बनाए गए हैं। बेशक आज भारत में ही कई लोग अपने कर्मकांडों के महत्व को नहीं समझते हैं लेकिन इनके पीछे गहरे आधार हैं। सबसे महत्वपूर्ण है हिंदू धर्म में शांति का महत्व। बुध्द इसी धरती पर हुए और इसकी वजह था यहां के पुराने संस्कार। उन्हीं वैदिक संस्कार को उन्होंने पुनर्भाषित किया था। उनका रास्ता भी शांति का मार्ग था। भारतीय संस्कृति से जो भी जुड़ा उसने शांति का मार्ग पाया है।

भारतीय संस्कृति के प्रति झुकाव: जॉन को भी भारत के लोगों और संस्कृति में वो ऊर्जा और अपनापन देखने को मिलता है जो दुनिया में कहीं और नहीं है। सनातन परंपरा की सबसे महत्वपूर्ण बात है अपनी तरफ आने वाले को खुले मन से स्वीकार करना। यहीं सनातन धर्म एक विश्व धर्म बन जाता है। यहां किसी तरह की बाध्याताएँ नहीं है। यहां ईश्वर ही सर्वोच्च कानून है। कर्म की प्रधानता है और पाप पुण्य की अवधारणाएं। जॉन लूकस जब भी भारत आए तो उन्होंने भारतीय पहलवानों और बॉडी बिल्डर्स में हनुमान जी की उपासना को देखा।

वे खुद भी हनुमान भक्त हो गए। भक्ति का ये रस क्या होता है ये किसी को बताया नहीं जा सकता पर महसूस किया जा सकता है। जहां दुनिया के तमाम धर्म धर्मांतरण के प्रयासों की भेंट चढ़ रहे हैं वहीं सनातन परंपरा में इसका कोई स्थान नहीं। जो भी वैदिक संस्कृति को मानता है या भारतीय देवी देवताओं में विश्वास भी रखता है वही सनातन धर्मी हो जाता है। यही वजह है कि इस देश में कबीर और सांईं बाबा की पूजा भी उसी श्रध्दा से होती है जैसे अन्य देवी देवताओं की। जॉन लूकस एक ऐसा उदाहरण हैं जो सनातन धर्म की कीमत को समझाते हैं। सनातन परंपरा की सबसे बड़ी विशेषता अगाध प्रेम है। यहां अतिथि देवो भव: की परंपरा है। जॉन को सोशल मीडिया पर जो पहचान मिली उससे उनका उत्साह बढ़ा। भारत में वो जहां जहां भी गए लोग उनके दीवाने हो गए। आप स्वयं कल्पना कीजिए भगवान शिव पर जल चढ़ाते या हनुमान जी की तस्वीर के आगे खड़े एक पहलवान की। एक छोटी सी क्रिया किसी के व्यक्तित्व को नए मायन दे देती है। यही वजह है कि लुकस ने अपनी इस छबि को अब जीना शुरू कर दिया है। वे कहते हैं कि वो भारत के गोद लिए पुत्र हैं।