राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

बच्चों में कुपोषण की दर कम करने में स्तनपान का है विशेष महत्त्व

  • 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाएगा विश्व स्तनपान सप्ताह:
  • स्वास्थ्य संस्थानों में स्तनपान कक्ष (ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर) होंगे स्थापित:

मधेपुरा, 31 जुलाई।

विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में जिले में 1 से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड़ों में यह अभियान चलेगा। बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए यह जरूरी है। नवजात शिशु के मृत्यु दर में कमी लाने व शिशुओं में कुपोषण को कम करने एवम् कुपोषण से बचाने में स्तनपान महत्वपूर्ण है। लोगों में जागरूकता प्रसार के लिए प्रत्येक वर्ष एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। जिले के वरीय शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ डी.पी.गुप्ता की मानें तो जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने वाले नवजातों में मृत्यु की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके साथ ही पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया एवं निमोनिया से होने वाली मृत्यु की संभावना 11 से 15 गुना तक कम हो जाती है। स्तनपान करने वाले शिशुओं का शारीरिक व मानसिक विकास होता है। वयस्क होने पर उसमें असंचारी बीमारियों के होने की भी संभावना भी कम हो जाती है। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन व ओवरी कैंसर का खतरा भी नहीं होता।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवम् ए.एनएम. से समन्वय स्थापित कर आयोजित करेंगी कार्यक्रम:

आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो कबीर ने बताया कि विश्व स्तनपान दिवस मनाने के संबंध में नोडल पदाधिकारियों, पोषण अभियान, आईसीडीएस निदेशालय, बिहार के द्वारा सभी जिलों को पत्र जारी कर विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का आदेश दिया गया है । उल्लेखनीय है कि इस दिशा में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने भी सिविल सर्जन को पत्र के माध्यम से आवश्यक निर्देश दिये हैं। पत्र में कहा गया है कि बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास तथा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं कुपोषण से बचाने में स्तनपान के महत्व को जनसाधारण तक पहुंचाने के उद्देश्य से  एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाना है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर से जारी पत्र के आलोक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निर्देश दिया गया है कि वे आशा एवम ए.एन.एम. से समन्वय स्थापित कर इस कार्यक्रम का आयोजन करेंगी।

सभी सदर अस्पताल एवम् प्रथम रेफरल इकाई को दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित करने की है योजना, स्वास्थ्य संस्थानों में स्तनपान कक्ष यानि ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर होंगे स्थापित –

जिले के सिविल सर्जन डॉ अमरेन्द्र नारायण शाही ने बताया कि निर्देश के अनुसार जिला तथा प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना है। सभी सदर अस्पताल एवं प्रथम रेफरल ईकाई को दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित किया जाना है। प्रसव केंद्रों पर कार्यरत ममता का स्तनपान से होने वाले लाभ के संबंध में उन्मुखीकरण किया जाना है। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थानों में स्तनपान कक्ष यानि ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर स्थापित किया जाना है। आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती व धात्री माताओं को छह माह तक केवल स्तनपान कराये जाने के महत्व बताना है। आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा अगस्त माह में होने वाले ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवस में सभी दो वर्ष तक के बच्चों की माताओं को निमंत्रित कर बच्चों को स्तनपान कराने के लिए अभ्यास करायेंगी । साथ ही पंचायती राज संस्थाओं की  महिला सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा भी इस कार्य में सहयोग लिया जाना है। कोविड 19 से संभावित संक्रमित माताओं तथा संक्रमित माताओं को चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह देने तथा मास्क का प्रयोग एवं हाथों की सफाई इत्यादि कोविड 19 प्रोटोकॉल अपनाते हुए स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहन एवं सुझाव दिया जाना है।

अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की जिम्मेदारी क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को –

कार्यक्रम से जुड़े सभी गतिविधियों के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की जिम्मेदारी क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारी तथा आई सीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी तथा प्रखंड स्तर पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को सौंपी गयी है।

You may have missed