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नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम जैवलीन थ्रो के फाइनल में

नई दिल्ली, (एजेंसी)। भारत के शिवपाल सिंह 76.40 मीटर के निराशाजनक सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ समाप्त होने के बाद टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की भाला फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे। कोहनी की चोट से जूझ रहे भारतीय नंबर 2 ने बुधवार को 31 सदस्यीय क्वालीफाइंग क्षेत्र में शीर्ष 12 में जगह नहीं बनाई। शिवपाल सिंह ने अपने पहले प्रयास में 76.40 मीटर का समय लेकर 27वें स्थान पर रहे। क्वालीफिकेशन ग्रुप बी में अपने अगले 2 प्रयासों में 74.80 मीटर और 74.81 मीटर के निशान के रूप में वाराणसी का व्यक्ति अपना पहला थ्रो बेहतर नहीं कर पाया। बहरहाल, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने 86.65 मीटर के शानदार थ्रो के साथ क्वालीफिकेशन में शीर्ष स्थान हासिल किया। नीरज को 83.50 के स्वचालित क्वालीफिकेशन मार्क को पार करने के लिए सिर्फ एक थ्रो की जरूरत थी। बुधवार की क्वालीफिकेशन में कोई भी थ्रोअर नीरज के निशान से आगे नहीं बढ़ पाया। जर्मनी के स्वर्ण पदक पसंदीदा जोहान्स वेटर, जिन्होंने 2021 में 90 से अधिक के 7 थ्रो किए हैं, को दूसरे स्थान पर क्वालीफाई करने के लिए 85.64 मीटर के शानदार तीसरे प्रयास की आवश्यकता थी। हालांकि, लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और रियो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट 12 सदस्यीय फाइनल में जगह बनाने में असफल रहे। वह 79.33 के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ समाप्त हुए।

तोक्यो ओलंपिक भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा सबसे आगे: भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक की भाला फेंक प्रतियोगिता के क्वालीफाइंग में बुधवार को यहां शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। ओलंपिक में पदार्पण कर रहे चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में भाले को 86.65 मीटर की दूरी तक फेंककर 83.50 मीटर का स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और भारत के लिए पदक की उम्मीद जगाई। एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद अपने बाकी दो प्रयास नहीं करने का फैसला किया।

शिवपाल ने किया निराश: क्वालीफिकेशन में तीन प्रयास का मौका मिलता है जिसमें से सर्वश्रेष्ठ प्रयास को गिना जाता है। पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन चोपड़ा ग्रुप ए और ग्रुप बी में 32 खिलाड़ियों में शीर्ष पर रहे। उनका निजी और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर है जो उन्होंने मार्च 2021 में पटियाला में इंडियन ग्रां प्री 3 में बनाया था। शिवपाल ने हालांकि निराश किया। वह अपने पहले प्रयास में 76.40 मीटर, दूसरे में 74.80 मीटर और तीसरे प्रयास में 74.81 मीटर की दूरी ही तय कर पाए और ग्रुप बी में 16 खिलाड़ियों के बीच 12वें और कुल 27वें स्थान पर रहे। शिवपाल 86.23 मीटर के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ और 81.63 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं पहुंच पाए।

भारत के नीरज चोपड़ा का शीर्ष पर पहुंचने के बाद का अनुभव: चोपड़ा ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘‘मैं अपने पहले ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहा हूं और काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं। वार्म अप के दौरान मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन पहले थ्रो (क्वालीफाइंग दौर में) में मैंने अच्छा कोण हासिल किया और यह परफेक्ट थ्रो थी।’’ चोपड़ा हालांकि आत्ममुग्धता का शिकार नहीं हैं और उन्हें पता है कि फाइनल बिलकुल अलग मुकाबला होगा जिसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खिताब जीतने के लिए चुनौती पेश करेंगे। भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘यह (फाइनल) बिलकुल अलग अहसास होगा क्योंकि यह मेरा पहला ओलंपिक है। शारीरिक रूप से हम सभी कड़ी ट्रेनिंग करते हैं और तैयार हैं लेकिन मुझे मानसिक रूप से तैयार होने की भी जरूरत है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने थ्रो पर ध्यान देने की जरूरत है और अधिक दूरी के साथ इस प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करूंगा।’’ ग्रुप ए से रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे और तोक्यो खेलों में खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे जर्मनी के योहानेस वेटेर (85.65 मीटर) और फिनलैंड के लेसी एटलेटालो (84.50 मीटर) भी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहते हुए स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने में सफल रहे। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और 2017 के विश्व चैंपियन वेटेर ने अपने तीसरे और अंतिम प्रयास जबकि लेसी ने पहले ही प्रयास में फाइनल में जगह बनाई। एटलेटालो का यह प्रयास उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वेटेर ने इससे पहले कहा था कि चोपड़ा के लिए ओलंपिक में उन्हें हराना मुश्किल होगा लेकिन क्वालीफिकेशन में भारतीय खिलाड़ी जर्मनी के खिलाड़ी पर भारी पड़ा।

पाकिस्तान के अरशद नदीम जेवलिन फाइनल में नीरज चोपड़ा से जुड़े: ग्रुप बी से पाकिस्तान के अरशद नदीम (85.16 मीटर), चेक गणराज्य के याकुब वादलेच (84.93 मीटर) और जर्मनी के जूलियन वेबर (84.41 मीटर) स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने में सफल रहे। विशेष रूप से, अरशद ने 2018 में कहा था कि वह नीरज से प्रेरित है और भारतीय सुपरस्टार का अनुकरण करना चाहता है। पाकिस्तान के एथलीट ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था जब नीरज 3 साल पहले पोडियम के शीर्ष चरण पर समाप्त हुआ था। अरशद 2016 में तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने गुवाहाटी में दक्षिण एशियाई खेलों में 78.33 मीटर भाला फेंककर कांस्य पदक जीता।

मौजूद सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ी हालांकि क्वालीफाइंग से ही बाहर हो गए। पोलैंड के मार्सिन क्रुकोवस्की (निजी और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.55 मीटर) और 2012 लंदन खेलों के ओलंपिक चैंपियन तथा 2016 रियो खेलों के कांस्य पदक विजेता त्रिनिदाद एवं टोबैगो के केशोर्न वालकोट (निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 90.16 मीटर और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.12 मीटर) क्रमश: 74.65 मीटर और 79.33 मीटर के प्रयास के साथ फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। लातविया के 2014 के अंडर-20 विश्व चैंपियन गेटिस काक्स (निजी और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 87.57 मीटर) और गत विश्व चैंपियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स भी 78.73 और 80.42 मीटर का प्रयास करने के बाद फाइनल की दौड़ से बाहर हो गए। मौजूदा सत्र में शीर्ष पांच प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में सिर्फ चोपड़ा और वेटेर ही फाइनल में पहुंच पाए।

भारतीय सेना के चोपड़ा की ओलंपिक की तैयारियां 2019 में कोहनी की चोट और फिर कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई थी लेकिन उन्होंने अपने प्रशंसकों को बिलकुल निराश नहीं किया और ओलंपिक में अपनी पहली ही थ्रो पर फाइनल में जगह बना ली। वह ओलंपिक से पहले सिर्फ तीन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले पाए थे। इसमें कुआर्टेन खेल ही विश्व स्तरीय प्रतियोगिता थी जहां चोपड़ा तीसरे स्थान पर रहे थे जबकि वेटेर ने खिताब जीता था। भाला फेंक में ग्रुप ए और ग्रुप बी से 83.50 मीटर का स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने वाले खिलाड़ियों सहित शीर्ष 12 खिलाड़ियों ने फाइनल में जगह बनाई। फाइनल सात अगस्त को होंगे। ओलंपिक स्टेडियम में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमारिवाला और चोपड़ा के बायो-मैकेनिक्स विशेषज्ञ क्लॉस बाटोर्नीट्ज सहित भारतीय एथलेटिक्स दल देश के खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिए मौजूद था।

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