राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। गंगा के जलस्तर में चौथे दिन भी वृद्धि जारी है। जिसके कारण दियारे क्षेत्र के रायपुर, बिंदगांवा, कोटवापट्टी रामपुर और बरहारा महाजी पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। आरा छपरा पुल पंचायतों का संपर्क भंग हो गया है।स्थानीय लोगों के अनुसार इन इलाकों का आरा-छपरा पुल से सम्पर्क पूरी तरह टूट चुका है। पुल से जुड़े एप्रोच रोड पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है। लाठी के सहारे रास्ते का अनुमान लगाकर लोग आरा-छपरा पुल पार कर रहे हैं। कोटवापट्टी रामपुर पंचायत के दयालचक निवासी संटू तिवारी ने बताया कि गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण गांव के निचले इलाके में पानी से घिर चुके हैं। उन्होने बताया अगर गंगा के जलस्तर में इसी तरह वृद्धि जारी रही तो देर रात तक गांव की आधी आबादी भी इसकी चपेट में आ सकती है। हालांकि इसे लेकर लोग अलर्ट हैं, लेकिन पहले से नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। मैदानी इलाकों में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नाव की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे अपातकालीन परिस्थितियों में हमलोग अपना बचाव कर सकें उधर गंगा के तटीय इलाको में भी कटाव के साथ कई गांवों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, जिसमें सिंगही ,मुसेपुर पंचायत के नेहाला टोला, पूर्वी बलुआ, पश्चिमी बलुआ आदि गांव शामिल हैं। इन इलाके के लोग सहमे हुए हैं. बताया जा रहा है कि राजस्थान के चंबल नदी से लगभग1700000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो जमुना नदी में मिलेगी और यमुना प्रयाग में गंगा से मिलती है ऐसे में पिछले 3 दिनों में अगर वह पानी आ गई तो स्थिति बिगड़ सकती है |पिछले चार दिनों में गंगा के जलस्तर में लगभग 2 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण फिलहाल गंगा के निचले इलाकों में संभावित बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अंचलाधिकारी ने कहा: नाव की व्यवस्था की जा रही है वही इस संबंध में सदर सीओ सत्येंद्र सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अभी लौटा हूं, जलस्तर में वृद्धि जारी है तीनों पंचायतों में नावों की व्यवस्था शीघ्र करने के लिए कर्मचारी को निर्देश दिया जा चूका है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर अन्य सहायता भी तत्काल उपलब्ध करायी जाएगी। उधर बाढ़ को ले जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता के निर्देश पर सदर प्रखंड के तटीय इलाके में निरोधी कार शुरू कर दिए गए हैं। जो तिवारी घाट तथा पुरातात्विक स्थल पर बोरे में बालू भरकर लगाया जा रहा है इस संबंध में जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार द्वारा बताया गया कि पुरातात्विक स्थल पर अभी कार्य कराना संभव नहीं है इसलिए वहां बालू भरकर बोरे रखे जा रहे हैं जलस्तर में जैसे ही कमी आएगी कटाव निरोधी कार्य शुरू हो जाएगा।


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