राष्ट्रनायक न्यूज

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डेटा इंट्री ऑपरेटर सुजीत के नाम दर्ज है कोविन पोर्टल पर सबसे अधिक लाभुकों के डेटा अपडेशन का रिकार्ड

  • बिना किसी बैकलॉग के पोर्टल पर अब तक 16 हजार से अधिक लाभुकों का किया ऑन टाइम अपटेडशन:
  • टीकाकरण से संबंधी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के सफल निवर्हन को लेकर सुजीत के प्रयासों की हो रही सराहना:

राष्ट्रनायक न्यूज।

अररिया  (बिहार)वैश्विक महामारी के प्रबंधन से लेकर टीकाकरण अभियान की सफलता में अब तक डिजिटेलाइजेशन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई है। संक्रमण के खतरों से बचाव के लिये टीकाकरण जितना जरूरी है,टीकाकृत लोगों से संबंधित डेटा का संधारण भी उतना ही अहम है। इससे किसी डेमाग्राफिक एरिया में कितने लोगों का टीकाकरण हुआ है, टीका का पहला व दूसरा डोज लेने वालों की संख्या सहित ड्यू लिस्ट का पता लगाना बेहद आसान हो जाता है। टीकाकृत लोगों से संबंधित डेटा संधारण के कार्य में डेटा इंट्री ऑपरेटर की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस महत्पूर्ण जिम्मेदारी के निवर्हन में सदर अस्पताल परिसर स्थित टीकाकरण केंद्र पर कार्यरत डेटा इंट्री ऑपरेटर सुजीत कुमार का किरदार एक नजीर बन कर उभरा है। बिना किसी बैकलॉग के सुजीत अब तक केंद्र पर टीका लेने वाले 16,933 लाभुकों से संबंधित डेटा कोविन पोर्टल अपडेट कर चुके हैं।

समय पर कार्य पूर्ण होने पर मिलती है तसल्ली, होती है खुशी:

जिले में टीका का दोनों डोज मिलाकर 6.38 लाख लोगों कोरोना का टीका लगाया गया है। कुल टीकाकरण में सदर अस्पताल स्थित टीकाकरण केंद्र की भागीदारी 2.2 फीसदी है। केंद्र पर हर दिन औसतन 200 लोगों को टीका लगाया जाता है। टीकाकृत सभी लोगों का कोविन पोर्टल पर डेटा अपडेशन  का कार्य नि:संदेह चुनौतीपूर्ण है। लेकिन सुजीत ने अपने कर्तव्य व जिम्मेदारी के प्रति समर्पण के साथ कड़ी मेहनत के दम पर अब तक इस चुनौती को मात देने में बेहद कामयाब साबित हुए हैं। सुजीत बताते हैं कि ऑन स्पॉट डेटा अपडेशन का कार्य थोड़ा जटिल है। कई लोग होते हैं। जो पोर्टल पर टीकाकरण के लिये खुद अपना स्लॉट बुक कराने के दौरान जाने-अनजाने गलत जानकारी प्रविष्ट कर देते हैं। टीकाकरण से संबंधित प्रमाणपत्र जारी करने के दौरान जब इसका पता चलता है तो लाभुकों को दोबारा सत्र स्थल पर बुलाकर उनसे सही जानकारी जुटाना होता है। फिर कभी-कभी इंटरनेट कनेक्टीविटी, पावर कट व सर्वर से जुड़ी समस्या भी होती है। इन सभी को नजरअंदाज कर समय पर अपना कार्य संपन्न करने में बेहद तसल्ली व खुशी की अनुभूति होती है।

सत्र पर जुटी भीड़ की वजह से जटिल होता हे डेटा अपडेशन कार्य:

सुजीत बताते हैं कि हर दिन टीकाकरण के लिये सत्र पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटती है। लोगों के बीच पहले टीका लगाने फिर इसके बाद प्रमाणपत्र प्राप्त करने को लेकर होड़ मची रहती है। जो पोर्टल पर डेटा अपडेशन के कार्य को और भी जटिल बना देता है। शोर-शराबे के बीच अपना काम पर ध्यान केंद्रित करना होता है। ताकि किसी तरह की चूक से बचा जा सके। सत्र स्थल पर जुटने वाली भीड़ में कई लोग मास्क व शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रख पाते। ऐसे में उन्हें संक्रमण के खतरों के प्रति आगाह करते हुए कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन भी कराना होता है। ताकि इस दौरान संक्रमण के किसी तरह की संभावना को नकारा जा सके। कोविन पोर्टल पर अपडेट डेटा के आधार पर जिले को टीका की अगली खेप उपलब्ध कराया जाता है। इसलिये यह जरूरी है कि हर दिन इस्तेमाल में लाये गये टीका से संबंधित डेटा पोर्टल पर अपलोड हो। ताकि इस कारण टीकाकरण अभियान प्रभावित ना हो।

डेटा अपडेडशन बेहतर रणनीति के निर्माण में सहायक:

कोविन पोर्टल पर डेटा अपडेशन के कार्य में सुजीत की भूमिका स्वास्थ्य महकमा में चर्चा का विषय बना हुआ है। डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ बताते हैं कि टीकाकरण अभियान में डेटा अपडेशन  का कार्य बेहद महत्वपूर्ण है। इससे टीकाकरण से संबंधित मामलों की समीक्षा आसानी से हो पाता है। वहीं टीकाकरण को लेकर कारगर रणनीति तैयार करने में भी इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। कोविन पोर्टल पर दर्ज डेटा के आधार पर ही हम फिलहाल दूसरे डोज से वंचित स्वास्थ्य अधिकारी व फ्रंट लाइन वर्कर्स  की सूची तैयार कर संबंधित प्रखंडों को भेजा गया है। ताकि वंचित लोगों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके। इसके अलावा किस इलाके में टीकाकरण का प्रतिशत बेहतर है। इस मामले में कौन सा क्षेत्र कमतर साबित हो रहा है। इसका पता लगाना आसान होता। ताकि इस आधार पर भावी रणनीति तैयार किया जा सके। लिहाजा ऑन स्पॉट डेटा इंट्री के मामले में सुजीत की मेहनत वाकई काबिले तारिफ है।

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