राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया (सारण)। आज नागपंचमी के शुभ अवसर पर भारत के घर घर से सर्पराज को दूध और धान का लावा खिल चढाने का पर्व है। इस पर्व के मनाने के पीछे क़ई ऐतिहासिक घटनाये एवम् कथा प्रचलित है। इनही कथाओ मे एक ये भी कथा है की इस पूरी पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर ले रखा है।इसलिए हम शेषनाग की पूजा करते है हमारे हिन्दू धर्म में ये भी एक मान्यता है कि हमारे पूर्वज जो भी धन संपति या जमीनमें गाड़कर या किसी खंडहर में छिपाकर भूल गये या उनकी मृत्यु हो ग़ई उन संपतियों की रक्षा ये नाग करत है इसी से किसी बंद पडे़ मकान पुराने पेडो़ के नीचे अथवा झाडि़यो और जंगलो मे नाग रहते है।


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